एनआरसी और एसआईआर दोनों अलग चीज, ममता बनर्जी कर रही राजनीति: अशोक चौधरी
पश्चिम बंगाल के मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद जारी है

पटना। पश्चिम बंगाल के मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि एसआईआर के बाद केंद्र सरकार एनआरसी लागू करने वाली है। बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने ममता बनर्जी के बयान की निंदा की। उन्होंने एसआईआर को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
बिहार सरकार के मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने पश्चिम बंगाल के ममता सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी एसआईआर और एनआरसी के मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं। एनआरसी और एसआईआर दोनों अलग चीज है।"
उन्होंने कहा, "देश में एसआईआर पहली बार नहीं हो रहा है। पहले भी चार से पांच बार हो चुका है। एसआईआर को एनआरसी से कैसे जोड़ा जा सकता है। पश्चिम बंगाल में चुनाव का समय है और ममता बनर्जी अपने तरीके से बातों को रख रही हैं। वे इस पर राजनीति करके जनता को कोई मैसेज देना चाह रही हैं।"
पश्चिम बंगाल में गीता पाठ कराने के विवाद पर अशोक चौधरी ने कहा, "सबकी अपनी धार्मिक भावना है। इसे मना नहीं किया जा सकता। अगर मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में रामध्वनि करूं और वहां पर 50 लोग जुटेंगे, तो उसमें सरकार की क्या भूमिका है?"
बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता नितिन नबीन ने भी टीएमसी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ममता बनर्जी पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत के नागरिकों का हक देने का गंभीर आरोप लगाया।
नितिन नबीन ने कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जो लगता हो; वो लगे, लेकिन हम उन्हें पश्चिम बंगाल के लोगों का हक नहीं छीनने देंगे। ममता बनर्जी बांग्लादेशी घुसपैठियों को पीछे के दरवाजे से देश के नागरिकों का हक दिलवाना चाहती हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। देश के संसाधनों और देश के योजनाओं पर पहला हक यहां के नागरिकों का है। देश के नागरिकों को ही यहां की नई सरकार चुनने का मौका दिया जाएगा न कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को।"


