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मुजफ्फरपुर : जीविका दीदियों ने पीएम मोदी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर विपक्ष की कड़ी आलोचना की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया

मुजफ्फरपुर : जीविका दीदियों ने पीएम मोदी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर विपक्ष की कड़ी आलोचना की
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मुजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में जिक्र किया कि विपक्ष ने बिहार में किस तरह अभद्र और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी के संबोधन के बाद मुजफ्फरपुर की महिलाओं ने विपक्ष पर अपना गुस्सा और निराशा व्यक्त की। जीविका दीदीयों ने कहा कि इस तरह के व्यक्तिगत हमले बेहद अपमानजनक हैं।

बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड कार्यक्रम के तहत जीविका दीदियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत के बाद कई महिलाओं ने प्रधानमंत्री के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। उन्‍होंने कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, किसी को भी किसी नेता के परिजन को राजनीतिक बहस में घसीटकर मर्यादा की सीमा नहीं लांघनी चाहिए।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में से एक फूल देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह अपना दर्द साझा किया, एक मां होने के नाते इसने मुझे बहुत प्रभावित किया। किसी को भी किसी के बारे में निजी तौर पर बुरा नहीं कहना चाहिए। चाहे वह प्रधानमंत्री हों या राष्ट्रपति, मां के खिलाफ अभद्र भाषा अस्वीकार्य है। मां तो मां होती है और उसकी गरिमा की रक्षा होनी चाहिए।

एक अन्य गुड्डी देवी ने बातचीत का रुख सशक्तीकरण कार्यक्रमों की ओर मोड़ते हुए कहा कि जीविका पहल के तहत शुरू की गई योजनाओं ने जीवन बदल दिया है। उन्होंने आगे कहा कि जीविका दीदी ने मेरी बहुत मदद की। मैंने कई महिलाओं को ऋण दिया है और यह महिला सशक्तीकरण को मजबूत करने में बहुत मददगार है।

एक अन्य प्रतिभागी सुनीता देवी ने भी ऐसी ही भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि मुझे कार्यक्रम के माध्यम से 10,000 रुपये मिले, और इससे हमने एक छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां के साथ जो हुआ वह गलत है। उन्हें गाली देना ठीक नहीं है, क्योंकि वह देश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। महिलाओं के रूप में, हमें सभी माताओं का सम्मान करना चाहिए।

निभा कुमारी ने बताया कि जीविका दीदियां कैसे मदद कर रही हैं। अब, जीविका दीदियां कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त कर सकती हैं। हमें 125 यूनिट मुफ्त बिजली भी मिलती है, जिससे बहुत बड़ा बदलाव आया है। इन सुविधाओं से महिलाएं व्यवसाय कर सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं, लेकिन साथ ही हमारा मानना ​​है कि राजनीति में व्यक्तिगत अपमान का कोई स्थान नहीं है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। उन्होंने इसे महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिससे बिहार के गांवों में जीविका समूहों से जुड़ी लाखों महिलाओं को निर्बाध रूप से वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकेगी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शुभ मंगलवार को एक अत्यंत आशाजनक पहल का उद्घाटन किया जा रहा है। बिहार में माताओं और बहनों को जीविका निधि साख सहकारी संघ के माध्यम से एक नई सुविधा प्रदान की जा रही है। इससे उन्हें अपने काम और व्यवसाय का विस्तार करने में मदद मिलेगी। मैं बिहार की माताओं और बहनों को बधाई देता हूं और इस उल्लेखनीय कदम के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य सरकार की सराहना करता हूं।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सशक्त महिलाएं एक विकसित भारत की नींव हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शौचालय, घर, स्वच्छ पेयजल, स्वास्थ्य सेवा, राशन और आय सृजन योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करके महिलाओं की कठिनाइयों को कम करने के लिए निरंतर काम किया है।

प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए मातृशक्ति के प्रति बिहार की श्रद्धा की परंपरा को याद किया। उन्होंने एक स्थानीय श्लोक का हवाला देते हुए श्रोताओं को याद दिलाया कि मां की जगह कोई नहीं ले सकता और मातृत्व का सम्मान भारत के मूल्यों का मूल है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि बिहार के किसी मंच से ऐसी अपमानजनक टिप्पणी की जाएगी। ये सिर्फ़ मेरे या मेरे परिवार के खिलाफ शब्द नहीं थे। ये इस देश की हर मां, हर बहन और हर बेटी का अपमान था। मेरे दिल में जो दुख है, वह बिहार के हर घर का है। यह दर्द सिर्फ मेरा नहीं है। यह एक सामूहिक जख्म है।

प्रधानमंत्री की बात ने मुजफ्फरपुर की महिलाओं के दिल को छू लिया और उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की। सुनीता देवी ने कहा कि एक मां राजनीति से ऊपर होती है। हम नेताओं की नीतियों से सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन एक मां के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना हमारी संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ है। हम इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ खड़े हैं।


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