हंगामेदार रहेगा बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र
बिहार विधानमंडल के सोमवार से शुरू होने वाले संक्षिप्त मानसून सत्र में विपक्ष बिगड़ती कानून-व्यवस्था और राज्य में चल रहे मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण में कथित हेराफेरी के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है जिससे सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है

पटना। बिहार विधानमंडल के सोमवार से शुरू होने वाले संक्षिप्त मानसून सत्र में विपक्ष बिगड़ती कानून-व्यवस्था और राज्य में चल रहे मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण में कथित हेराफेरी के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है जिससे सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है।
आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस सत्र में गरमागरम राजनीतिक बहस होने की उम्मीद है। विपक्ष ने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण में कथित हेराफेरी को लेकर सरकार को सदन के अंदर घेरने की योजना बनाई है। राज्य में हाल ही हुयी हत्यायें और अन्य आपराधिक घटनााओं के मद्देनजर विपक्ष सरकार को गिरती हुयी कानून व्यवस्था पर कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करेगा। 25 जुलाई को समाप्त होने वाले मानसून सत्र के दौरान विपक्ष दोनों सदनों में इन मुद्दों को ज़ोरदार ढंग से उठाएगा। विपक्ष ने ज़ोर देकर कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)का तथाकथित 'सुशासन' ज़मीनी स्तर पर लागू नहीं हुआ है।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार विपक्ष के हर मुद्दे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। मतदाता सूची संशोधन का काम चुनाव आयोग के अधीन है और इस प्रक्रिया में राज्य की कोई भूमिका नहीं है। सरकार बढ़ते अपराध के मुद्दे पर आधिकारिक आंकड़ों के ज़रिए विपक्ष को जवाब देने के लिए भी तैयार है और अपराधियों के ख़िलाफ़ बिना किसी भेदभाव के कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
चौधरी ने कहा कि सरकार नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि और प्रति परिवार 125 यूनिट मुफ़्त बिजली के प्रावधान सहित कल्याणकारी उपायों को ले कर आगे बढ़ रही है।
इस बीच बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विपक्ष से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुपूरक बजट और राज्यपाल द्वारा अनुमोदित अध्यादेशों की प्रतियां भी सदन के समक्ष रखी जायेंगी।
राज्य विधानसभा चुनावों से पहले, सत्ता और विपक्ष, दोनों खेमे अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए मानसून सत्र का लाभ उठाने की कोशिश करते दिखेंगे।


