6 अक्टूबर के ताजा समाचार और अपडेट्स
- वकील ने की सीजेआई बीआर गवई पर हमले की कोशिश - बिहार में दो चरणों में होगा विधानसभा चुनाव, 14 नवंबर को नतीजे आएंगे - फ्रांस में फिर गिरी सरकार, दो साल में पांचवें पीएम का इस्तीफा

दिनभर की तमाम ब्रेकिंग न्यूज और अपडेट्स हम एक साथ पेश करते हैं ताकि आपको सारी बड़ी और जरूरी खबरें एक साथ मिल जाएं.
- वकील ने की सीजेआई बीआर गवई पर हमले की कोशिश
- बिहार में दो चरणों में होगा विधानसभा चुनाव, 14 नवंबर को नतीजे आएंगे
- फ्रांस में फिर गिरी सरकार, दो साल में पांचवें पीएम का इस्तीफा
- तीन वैज्ञानिकों को मिला 2025 का चिकित्सा नोबेल प्राइज
- माउंट एवरेस्ट पर बर्फीले तूफान के बाद बचाए गए 350 पर्वतारोही
हवाई अड्डों के पास दिखे ड्रोनों के पीछे हो सकता है रूस: जर्मन चांसलर
जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने कहा कि उनके मुताबिक, बीते हफ्तों में जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों में हवाई अड्डों और दूसरे संवेदनशील ठिकानों के पास दिखीं ज्यादातर ड्रोन उड़ानों के लिए रूस जिम्मेदार है. देश के सार्वजनिक प्रसारक एआरडी टीवी पर बातचीत के दौरान मैर्त्स ने यह कहा. उन्होंने माना कि कुछ “नकलची ऑपरेटर” भी हैं जिन्होंने निजी ड्रोन उड़ाए हैं. यूरोप में हवाई अड्डों के पास ड्रोन उड़ाना गैरकानूनी है.
चांसलर ने कहा, "चाहे यह कहीं से भी आ रहा हो, हम इस मामले की जांच कर रहे हैं. यह हमारी सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है." मैर्त्स ने कहा कि ड्रोन से सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है, लेकिन उनके पास ऐसा करने के लिए फिलहाल पर्याप्त उपकरण नहीं हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन यह भी देख रहा है कि जर्मन सेना (बुंडेसवेयर) ड्रोन डिफेंस में किस हद तक भाग ले सकती है.
बातचीत में चांसलर मैर्त्स ने स्पष्ट किया, “फिलहाल मैं जनता को यह भरोसा दिला सकता हूं कि अब तक हमें किसी हथियारबंद ड्रोन से जुड़ी एक भी घटना का सामना नहीं करना पड़ा है."
बिहार में दो चरणों में होगा विधानसभा चुनाव, 14 नवंबर को नतीजे आएंगे
भारतीय चुनाव आयोग ने सोमवार, 6 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे. पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा. पहले चरण में 121 और दूसरे चरण में 122 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. चुनावों के परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना 10 अक्टूबर और दूसरे चरण के लिए 13 अक्टूबर को जारी की जाएगी. पहले चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर और दूसरे चरण के लिए 20 अक्टूबर होगी. वहीं पहले चरण के लिए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर और दूसरे चरण के लिए 23 अक्टूबर होगी.
बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 2 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 38 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं. राज्य में कुल 7.43 करोड़ वोटर हैं. इनमें से 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं. विधानसभा चुनाव के लिए 90 हजार से अधिक पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. चुनावों के दौरान 4.5 लाख से ज्यादा पोलिंग कर्मचारी और करीब 2.5 लाख पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे.
तीन वैज्ञानिकों को मिला 2025 का चिकित्सा नोबेल प्राइज
मैरी ई. ब्रुन्को, फ्रेड रैम्सडेल और शिमोन सकागुची को चिकित्सा के क्षेत्र में इस साल के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. शरीर की ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस’ से जुड़ी खोजों के लिए उन्हें यह इनाम दिया जाएगा. पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस वह तरीका है जिससे शरीर अपनी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को संतुलित रखता है, ताकि वह अपने ही ऊतकों पर हमला ना करे और बाहरी संक्रमण से लड़ सके.
चिकित्सा के क्षेत्र में विजेताओं का चयन स्वीडन के कारोलिन्स्का इंस्टिट्यूट की नोबेल असेंबली करती है. विजेताओं को करीब 12 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि मिलती है और उन्हें स्वीडन के राजा के हाथों एक गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाता है. नोबेल प्राइज समिति ने कहा, “इनकी खोजों ने शोध के एक नए क्षेत्र की नींव रखी है और कैंसर व ऑटोइम्यून बीमारियों के नए इलाज को बढ़ावा दिया है.”
हर साल 10 दिसंबर को स्वीडन के स्टॉकहोम में होने वाले एक समारोह में यह पुरस्कार दिया जाता है. मैरी ई. ब्रुन्को और फ्रेड रैम्सडेल अमेरिका से हैं और शिमोन साकागुची जापान से हैं.
वकील ने की सीजेआई बीआर गवई पर हमले की कोशिश
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई के ऊपर कोई वस्तु फेंकने की कोशिश की. हालांकि, उसके सफल होने से पहले ही मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और बाहर ले गए.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जब सुरक्षाकर्मी आरोपी को बाहर लेकर जा रहे थे, उस दौरान उसने कहा, “सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान.” बार एंड बेंच के मुताबिक, सीजेआई गवई ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद कहा, “इन सब बातों से ध्यान मत भटकने दीजिए. हम विचलित नहीं हुए हैं. ये चीजें मुझे प्रभावित नहीं करती हैं.”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना के पीछे एक पुराना मामला हो सकता है, जिसमें सीजेआई ने ‘भगवान विष्णु’ की प्रतिमा को लेकर टिप्पणी की थी. दरअसल, कोर्ट में हिंदुओं के ‘भगवान विष्णु’ की एक खंडित मूर्ति को ठीक करवाने के लिए याचिका दायर की गई थी. सुनवाई के दौरान, सीजेआई ने याचिकाकर्ता से इसके लिए 'भगवान विष्णु' से ही प्रार्थना करने के लिए कहा था.
उन्होंने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह विवाद एक मंदिर से जुड़ा हुआ है, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत आता है इसलिए इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए एएसआई एक बेहतर अथॉरिटी है. हालांकि, उनकी ‘भगवान विष्णु’ से जुड़ी टिप्पणी का सोशल मीडिया पर काफी विरोध हुआ था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि “वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं.”
जयपुर हादसा: एसएमएस अस्पताल के स्टाफ पर लगा लापरवाही का आरोप
राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में 5 अक्टूबर की रात को आग लगने से छह मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल के प्रेस नोट के मुताबिक, रात करीब 11 बजकर 20 मिनट पर न्यूरोसर्जरी आईसीयू-1 में आग लगी. इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया जा रहा है. वहीं, राज्य में इस हादसे को लेकर सियासत तेज हो गई है.
कांग्रेस विधायक और राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने इसे राज्य सरकार की “घोर लापरवाही” बताया है और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी मांग की है कि प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए और हादसे की गहनता से जांच की जाए.
पीड़ितों के परिजनों ने भी सोमवार सुबह अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और अस्पताल कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया. एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “अस्पताल के स्टाफ को शॉर्ट सर्किट के बारे में बताया गया था, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी…अगर लापरवाही नहीं होती तो लोगों की जान बच जाती.”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को इसका अध्यक्ष बनाया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि घायलों की हरसंभव सहायता की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस हादसे पर दुख जताया है.
फ्रांस में फिर गिरी सरकार, दो साल में पांचवें पीएम का इस्तीफा
फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबास्टियां लुकोर्नू ने सोमवार, 6 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया. वह बीते महीने 9 सितंबर को ही प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए थे. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
इस्तीफे से कुछ ही घंटे पहले लुकोर्नू ने अपनी सरकार के मंत्रियों के नाम घोषित किए थे. इसके बाद उन्हें अपने ही गुट और विपक्ष की तरफ से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. वह मंगलवार को देश की संसद- नैशनल असेंबली को संबोधित कर अपनी सरकार का रोडमैप बताने वाले थे. इस इस्तीफे से वह 1958 के बाद से सबसे छोटे कार्यकाल वाले फ्रांसीसी प्रधानमंत्री बन गए हैं.
लुकोर्नू के इस्तीफे ने फ्रांस को एक नए राजनीतिक संकट में डाल दिया है, जिससे माक्रों पर और दबाव बढ़ गया है. उनके दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल में अब तक तीन अल्पमत सरकारें नाकाम हो चुकी हैं. जनवरी 2024 से अब तक देश ने पांच प्रधानमंत्री देख लिए हैं.
धुर-दक्षिणपंथी पार्टी नैशनल रैली के प्रमुख जोर्डन बारदेला ने मध्यावधि चुनाव की मांग की है. वहीं राष्ट्रपति के अपने सहयोगी मौजूदा स्थिति से नाराज नजर आ रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री और रेनेसां पार्टी के नेता ग्राबिएल अताल ने कहा कि सरकार बनाने से पहले बजट पर सहमति बनाने के उनके सुझाव को नहीं माना गया.
अल असद के सीरिया छोड़ने के बाद देश में हुआ पहला संसदीय चुनाव
बशर अल असद के सीरिया की सत्ता छोड़ने के बाद देश में पहला संसदीय चुनाव करवाया गया. रविवार, 5 अक्टूबर को देश के अलग-अलग प्रांतों में मतदान हुआ. फिलहाल देश की सत्ता, अल असद को हटाने में कामयाब रहे विद्रोही नेता और मौजूदा अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के हाथों में है. करीब 10 साल तक चले गृहयुद्ध के बाद बशर अल असद ने दिसंबर, 2024 में सत्ता छोड़ी थी.
मतदान के लिए पूरे देश में सैनिकों और पुलिस की तैनाती की गई. मतपत्र गिनने का काम उम्मीदवारों, पत्रकारों और सीरियाई बार एसोसिएशन से जुड़े पर्यवेक्षकों के सामने हुआ. नई संसद ढाई साल (30 महीने) का कार्यकाल पूरा करेगी और भविष्य के चुनावों की तैयारी करेगी. राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने कहा, “कई कानून पास करने बाकी हैं ताकि हम आगे बढ़ सकें और देश में विकास और खुशहाली ला सकें.
ओडिशा: दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाया गया
ओडिशा के कटक में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद क्षेत्र में 36 घंटे का कर्फ्यू लगाया गया है. इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि राज्य पुलिस की 60 पलटनें तैनात की गई हैं और रैपिड एक्शन फोर्स, ओडिशा स्विफ्ट एक्शन फोर्स व सीआरपीएफ के जवानों को भी स्थिति नियंत्रित करने के लिए लगाया गया है.
कटक में 7 अक्टूबर, सुबह 10 बजे तक के लिए कर्फ्यू लगाया गया है. इस दौरान सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. वहीं, सरकारी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, दवा की दुकानें, किराने की दुकानें और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे. प्रशासन का कहना है कि स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा रही है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की पत्नी की याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 6 अक्टूबर को लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. इस मामले में वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने कोर्ट में हैबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर उनका जवाब मांगा है.
आंगमो की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि उन्हें यह नहीं बताया गया है कि वांगचुक को किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है. भारत सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि गिरफ्तारी की वजहें सोनम वांगचुक को बता दी गई हैं. उन्होंने कहा कि यह कानूनी रूप से जरूरी नहीं है कि ये वजहें वांगचुक की पत्नी को भी बताई जाएं.
इसके बाद सिब्बल ने कहा कि गिरफ्तारी की वजह जाने बिना, गिरफ्तारी के आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती. अब इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी. वांगचुक फिलहाल जोधपुर जेल में बंद हैं. उन्हें 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था. केंद्र सरकार ने उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था.
माउंट एवरेस्ट पर बर्फीले तूफान के बाद बचाए गए 350 पर्वतारोही
चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के मुताबिक, रविवार, 5 अक्टूबर को माउंट एवरेस्ट के तिब्बत वाले हिस्से से 350 पर्वतारोहियों को बचाया गया है. वे बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए थे. इसके अलावा, कैंप में फंसे 200 से ज्यादा लोगों से संपर्क हो गया है, जिन्हें जल्द ही नजदीकी कस्बे- कुदांग लाया जाएगा.
चीन के सरकारी मीडिया जिमू न्यूज के अनुसार, करीब 1,000 पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट के उत्तरी हिस्से में बेस कैंप से नीचे वाले इलाकों में फंसे हुए थे. ये पर्वतारोही लगभग 4,900 मीटर (16,076 फीट) की ऊंचाई पर बने कैंपों में थे.
अचानक आए बर्फीले तूफान से कई टेंटों के फटने या उड़ जाने की खबर है. कुछ लोगों के घायल होने की सूचना भी है. हालांकि, किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है. पड़ोसी देश नेपाल में भी हालात चिंताजनक हैं. यहां भारी बारिश का कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से दर्जनों लोगों की मौत हो गई है.
दार्जिलिंग में भारी बारिश के चलते 18 लोगों की हुई मौत
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और उसके आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश के चलते अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन ने सोमवार, 6 अक्टूबर को एक बयान में बताया, “अब तक 18 मौतों की पुष्टि हुई है. आशंका है कि यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं, खासकर नदी की तरफ रहने वाले लोग.”
लगातार तेज बारिश होने के कारण दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं. एनडीआरएफ ने रविवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाए और 160 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. बारिश के चलते कई सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे राहत अभियान चलाने में मुश्किल हो रही है.
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक आपातकालीन बैठक कर कहा है कि वह सोमवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगी. उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग समेत कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी है और दो लोहे के पुलों समेत कई सड़कें टूट गई हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन आपदाओं पर दुख जताया है.


