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राजनीतिक विरोध के नाम पर देशहित को ताक पर रख रहा विपक्ष : विजय सिन्हा

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा पहलगाम की घटना में पाक पोषित आतंकियों की संलिप्तता पर सवाल उठाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है

राजनीतिक विरोध के नाम पर देशहित को ताक पर रख रहा विपक्ष : विजय सिन्हा
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पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा पहलगाम की घटना में पाक पोषित आतंकियों की संलिप्तता पर सवाल उठाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आज पूरा देश एकजुट खड़ा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना के बाद भारत के साथ खड़ी है। ऐसे समय में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रमुख नेता और वर्षों तक केंद्रीय मंत्री के पद पर रहने वाले व्यक्ति द्वारा इस प्रकार का गैरजिम्मेदाराना बयान देना निंदनीय है। वे पाकिस्तान के वकील की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

सिन्हा ने कहा कि आज राजनीतिक विरोध के क्रम में कांग्रेस और उसके सहयोगी देश के दुश्मनों के हाथों खेलने लगे हैं। वे कभी तुष्टीकरण के लिए, कभी 'सिर तन से जुदा' वाली विचारधारा को बढ़ावा देने में जुट जाते हैं, तो कभी ग्लोबल आतंकियों को सम्मान के साथ संबोधित करते हैं। पहलगाम की घटना के बाद इनकी पार्टी से जुड़े एक मुख्यमंत्री के बयानों को पाकिस्तान में सराहा जा रहा था। बिहार में भी उनके सहयोगी न्यायालय द्वारा आतंकियों से सांठगांठ रखने वाले घोषित अपराधी के नाम के नारे तक लगवाते हैं।

उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस और उनके सहयोगी संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहे थे। जब सरकार ने उस पर चर्चा कराने की पहल की, तो ये लोग हंगामे पर उतर आए। देश के लोग कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से जानना चाहते हैं कि कांग्रेस का कमिटमेंट भारत के प्रति है या भारत को अस्थिर करने वालों के साथ है। कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों के नेता जिस प्रकार व्यवहार करने लगे हैं, उसे देखकर तो यही लगता है कि उनकी संवेदनाएं और सहानुभूति कहीं न कहीं पाकिस्तान के साथ है।

सिन्हा ने आगे सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग अपनी सेना और अपने देश की चुनी हुई सरकार के प्रति संदेह और आशंकाओं का माहौल बनाकर आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं? ये लोग विदेशों में जाकर अपने देश के संस्कार और संस्कृति पर सवाल उठाते हैं। वोटबैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के चक्कर में आखिर कांग्रेस पार्टी और उनके नेता क्या हासिल करना चाहते हैं?


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