बिहार चुनाव में 11 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच हुआ ‘दोस्ताना’ मुकाबला, सभी पर राजग ने लहराया जीत का परचम
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार 11 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच ‘दोस्ताना’ मुकाबला हुआ, जिसका फायदा उठाते हुए इन सभी सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों ने अपना कब्जा जमा लिया

महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच ‘दोस्ताना’ मुकाबले वाली सभी 11 सीटों पर राजग ने जमाया कब्जा
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार 11 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच ‘दोस्ताना’ मुकाबला हुआ, जिसका फायदा उठाते हुए इन सभी सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों ने अपना कब्जा जमा लिया।
इस बार के चुनाव में बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों वैशाली, राजापाकड़ (सुरक्षित), बिहारशरीफ,बछवाड़ा,बेलदौर,कहलगगांव, सुल्तानगंज, चैनपुर, सिकंदरा (सुरक्षित) , करहगर और नरकटियागंज में महागठबंधन के घटक दल के उम्मीदवार चुनावी संग्राम में अपने ही गठबंधन के प्रत्याशियों को चुनौती देते नजर आये। राजग के घटक दलों के उम्मीदवारों ने महागठबंधन के ‘दोस्ताना’ मुकाबले का जमकर फायदा उठाया और सभी 11 सीटें अपनी झोली में डाल ली।
राजग के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने अपनी सियासी तीर से सात सीटों वैशाली,राजापाकड़ (सुरक्षित),बेलदौर,कहलगांव, सुल्तानगंज,चैनपुर और करगहर सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को ढ़ेर कर दिया। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन सीटों बिहारशरीफ, बछ़वाड़ा और नरकटियागंज पर पार्टी का ‘भगवा’ लहरा दिया। इसी तरह हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) ने सिकंदरा (सुरक्षित) सीट अपने लिये सुरक्षित कर ली।
वैशाली विधानसभा सीट पर महागठबंधन के घटक राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने थे। जदयू की सियासी तीर ने राजद और कांग्रेस के उम्मीदवारों को चुनावी रण में ढ़ेर कर दिया। जदयू उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक सिद्धार्थ पटेल ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उम्मीदवार अजय कुमार को 32590 मतो के अंतर से शिकस्त दी। कांग्रेस उम्मीदवार संजीव सिंह तीसरे नंबर पर रहे।
राजापाकड़ (सुरक्षित) महागठबंधन के घटक कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उम्मीदवार एक-दूसरे को चुनौती दे रहे थे। जदयू उम्मीदवार महेन्द्र राम ने कांग्रेस की उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास की रिश्तेदार और निवर्तमान विधायक प्रतिमा कुमारी को 48189 मतो से पराजित कर यह सीट अपने नाम कर ली। भाकपा के मोहित पासवान तीसरे नंबर पर रहे।
बेलदौर सीट पर महागठबंधन के घटक कांग्रेस और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (आईआईपी) के बीच चुनावी मुकाबला हुआ। इस मुकाबले में जदयू के उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक पन्ना सिंह पटेल ने कांग्रेस के प्रत्याशी मिथिलेश कुमार निषाद को 35175 मतो के अंतर से शिकस्त दी। आईआईपी की उम्मीदवार तनीषा भारती तीसरे नंबर पर रही।
कहलगांव सीट पर कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा और राजद के रजनीश भारती आमने सामने थे। इस सीट पर हुये चुनावी मुकाबले में कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश ने राजद के उम्मीदवार रजनीश भारती को 50112 मतो के भारी अंतर से मात दी। कांग्रेस के उम्मीदवार प्रवीण कुमार कुशवाहा को चौथे नंबर पर संतोष करना पड़ा। भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज निवर्तमान विधायक पवन कुमार यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे। वह चुनावी मुकाबले में तीसरे नंबर पर रहे। कहलगांव विधानसभा सीट से सवाधिक नौ बार सदानंद सिह ने जीत दर्ज की है।
सुल्तानगंज सीट पर कांग्रेस के ललन कुमार का मुकाबला अपने ही गठबंधन के घटक दल राजद के चंदन सिन्हा से हुआ। इस दोस्ताना मुकाबला में जदयू के उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक ललित नारायण मंडल ने राजद उम्मीदवार चंदन सिन्हा को 31116 मतो के अंतर से मात मिली। कांग्रेस उम्मीदवार ललन कुमार को करारी हार का सामना करना पड़ा और उसे महज 2754 मत ही हासिल हुये।
चैनपुर सीट से राजद की ओर से पूर्व मंत्री बृजकिशोर बिन्द और महागठबंधन के ही घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविन्द बिन्द आमने सामने थे। जदयू उम्मीदवार और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खां ने राजद उम्मीदवार बृजकिशोर बिन्द को 6877 मतो के अंतर से मात दी। वीआईपी के प्रदेश अध्यक्ष श्री बिंद को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें सातवें नंबर पर संतोष करना पड़ा।
करहगर सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी और निवर्वमान विधायक संतोष कुमार मिश्रा का सामना महागठबंधन के ही घटक भाकपा के महेन्द्र प्रसाद गुप्ता से हुआ। जदयू उम्मीदवार वशिष्ठ सिंह ने पूर्व मंत्री रामधनी सिंह के पुत्र और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवार उदय प्रताप सिंह को 35676 मतो के अंतर से हराया।कांग्रेस के उम्मीदवार संतोष कुमार मिश्रा तीसरे नंबर पर रहे। लोकप्रिय भोजपुरी गायक -अभिनेता और जनसुराज के उम्मीदवार रितेश पांडेय चौथे नंबर पर रहे। भाकपा के उम्मीदवार श्री गुप्ता को सातवें नंबर पर संतोष करना पड़ा।
बिहारशरीफ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार उमैद खान और भाकपा के शिव कुमार यादव आमने-सामने थे। भाजपा प्रत्याशी एवं पर्यावरण एवं वन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने कांग्रेस के उमैद खान को 29168 मतो के अंतर से पराजित किया। भाकपा के शिव कुमार यादव को छठे नंबर पर ही संतोष करना पड़ा। इस जीत के साथ ही भाजपा के डॉक्टर सुनील कुमार ने सियासी पिच पर लगातार छठवीं बार जीत दर्ज की।
बछवाड़ा सीट पर युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीब दास और भाकपा के प्रत्याशी और पूर्व विधायक अवधेश राय चुनावी दंगल में आमने-सामने थे। भाजपा के उम्मीदवार और खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने कांग्रेस उम्मीदवार शिव प्रकाश गरीब दास को 15841 मतो के अंतर से पराजित किया।भाकपा के अवधेश कुमार राय तीसरे नंबर पर रहे।
नरकटियागंज विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पौत्र और कांग्रेस उम्मीदवार शाश्वत केदार का सामना राजद के दीपक यादव तथा भाजपा प्रत्याशी संजय कुमार से था। भाजपा के प्रत्याशी संजय कुमार पांडेय ने राजद के दीपक यादव को 26458 मतो के अंतर से शिकस्त दी। कांग्रेस के प्रत्याशी शाश्वत केदार तीसरे नंबर पर रहे।भाजपा ने इस सीट से निवर्तमान विधायक रश्मि वर्मा को बेटिकट कर संजय कुमार पांडेय पर दांव लगाया था और वह पार्टी की कसौटी पर खरे उतरे।
सिकंदरा (सुरक्षित) सीट पर राजद के उम्मीदवार पूर्व विधान सभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी का सामना कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद चौधरी से हुआ। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रत्याशी और निर्वमान विधायक प्रफुल्ल कुमार मांझी ने राजद उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी को 23907 मतो के अंतर से पराजित कर यह सीट अपने लिये सुरक्षित कर ली। कांग्रेस के उम्मीदवार विनोद चौधरी पांचवे नंबर पर रहे।
उल्लेखनीय है कि महागठबंधन के घटक दलो के बीच सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने में काफी देरी हुई। महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों को लेकर काफी खींच-तान भी देखने को मिली। अंतिम समय तक इन 11 सीटों पर महागठबंधन के घटक दलो में कोई समझौता नहीं हुआ। ऐेसे अनुमान लगाये जा रहे थे कि इन सीटों पर महागठबंधन के बीच दोस्ताने मुकाबला का फायदा राजग को मिल सकता है, और ऐसा हुआ भी। सभी 11 सीटें राजग ने अपने दामन में समेट ली। इतना ही नहीं दो सीटें राजापाकड़ (सुरक्षित) और करहगर जिस पर कांग्रेस ने वर्ष 2020 में कब्जा जमाया था ,यह सीट भी उसके हाथ से निकल गयी।
राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी पांच सीटों कहलगगांव, सुल्तानगंज, सिकंदरा (सुरक्षित), वैशाली और नरकटियागंज में आमने-सामने थे।कांग्रेस और भाकपा के उम्मीदवारों ने चार सीटों बिहारशरीफ, करहगर, राजापाकड़ (सुरक्षित) और बछ़वाडा में एक-दूसरे को चुनौती दी। चैनपुर में राजद और वीआईपी
जबकि बेलदौर सीट पर कांग्रेस और आईआईपी के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी रण में उतरे थे। महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच हुये दोस्ताना मुकाबले में सभी 11 सीटों पर राजग के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया।


