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बिहार चुनाव की तैयारियों पर निर्वाचन आयोग की समीक्षा बैठक

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग अंतिम तैयारी में जुटा है। अगले सप्ताह चुनाव की तिथियों की घोषणा भी होने की संभावना है

बिहार चुनाव की तैयारियों पर निर्वाचन आयोग की समीक्षा बैठक
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निर्वाचन आयोग ने की चुनावी तैयारियों की समीक्षा, निष्पक्षता और सुरक्षा पर जोर

  • बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आयोग सतर्क, जल्द हो सकती है तिथि घोषणा
  • मतदान केंद्रों पर सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा
  • फेक न्यूज पर नियंत्रण और वरिष्ठ मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट पर बल

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग अंतिम तैयारी में जुटा है। अगले सप्ताह चुनाव की तिथियों की घोषणा भी होने की संभावना है।

इस बीच, बुधवार को चुनाव की तैयारियों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के वरीय उप निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल तथा राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी कुंदन कृष्णन ने भी भाग लिया।

बताया गया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव को पूरी तरह निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी बनाने की दिशा में की गई तैयारियों की समीक्षा करना था। जानकारी के मुताबिक, बैठक के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन विमर्श हुआ।

बैठक में निर्वाचन सूची के प्रकाशन से लेकर मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रगति, ईवीएम एवं वीवीपैट की व्यवस्था तथा मतदाताओं की सहभागिता बढ़ाने की तैयारियों की समीक्षा की गई। विधि-व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा करते हुए वरीय उप निर्वाचन आयुक्त ने अर्धसैनिक बलों की तैनाती, आर्म्स रिकवरी, अंतरराज्यीय सीमाओं पर चौकसी, शराब की जब्ती और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी तैयारी करने के निर्देश दिए।

राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई तैयारियों की जानकारी साझा की और आश्वस्त किया कि चुनाव के दौरान सुरक्षा प्रबंधों में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जाएगी। मतदान केंद्रों पर सुविधाएं और विशेष व्यवस्थाओं को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि सभी मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी, रैम्प, शौचालय, फर्नीचर और संकेतक जैसी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध हों।

साथ ही, विशेष रूप से 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया। बैठक में राजनीतिक दलों की सक्रिय और पारदर्शी भागीदारी सुनिश्चित करने, मीडिया मॉनिटरिंग और सर्टिफिकेशन को मजबूत करने तथा सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।


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