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कांग्रेस नेताओं ने खराब प्रदर्शन की वजह बताई, संगठनात्मक कमजोरी पर उठे सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी के कई बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है

कांग्रेस नेताओं ने खराब प्रदर्शन की वजह बताई, संगठनात्मक कमजोरी पर उठे सवाल
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बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार पर नेताओं ने किया आत्मचिंतन का आह्वान

  • बिहार चुनाव परिणाम पर शशि थरूर समेत नेताओं की प्रतिक्रिया, रणनीति और संदेश पर सवाल
  • टिकट वितरण और संगठनात्मक चूक को कांग्रेस नेताओं ने माना हार का कारण
  • मुमताज पटेल बोलीं अब कोई बहाने नहीं, सच्चाई स्वीकार करने का समय

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी के कई बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है। इसको लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर से लेकर मुमताज पटेल तक सभी ने चुनावी नतीजों पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी कहा कि बिहार चुनाव में जीत स्पष्ट रूप से एनडीए के पक्ष में है। उन्होंने इसे बेहद निराशाजनक बताया और कहा कि अगर यही अंतिम परिणाम रहा, तो पार्टी को गंभीर आत्ममंथन करना होगा। उन्होंने कहा कि केवल बैठकर सोचने की जरूरत नहीं है, बल्कि यह देखना होगा कि रणनीति, संदेश या संगठनात्मक स्तर पर क्या गलत हुआ।

कांग्रेस नेता कृपानंद पाठक ने कहा कि राज्य में जिम्मेदार लोगों ने सही जानकारी नहीं पहुंचाई। उन्होंने बताया कि सही लोगों की जानकारी इकट्ठा नहीं हुई और जरूरी बातें उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंची। उनका कहना है कि चाहे यह गलती हो या किसी की लापरवाही, इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है? लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन जरूरी मामलों की सही जानकारी नहीं पहुंची। अब अधिकारियों को इस पर ध्यान देना ही पड़ेगा, नहीं तो इससे गंभीर संकट पैदा हो सकता है।

कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि ये पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी को दर्शाता है। उनका कहना है कि किसी भी चुनाव में पार्टी की जीत का आधार उसकी संगठनात्मक शक्ति होती है। अगर संगठन कमजोर हो और प्रभावी तरीके से काम न करे तो परिणाम प्रभावित होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सभी उम्मीदवार योग्य थे, लेकिन शायद कुछ बेहतर उम्मीदवार चुने जा सकते थे। संगठन को रणनीतिक बुद्धिमानी से काम करना चाहिए था और हर क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति बनानी चाहिए थी।

कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने चुनाव परिणाम पर कहा कि पार्टी को यह देखना होगा कि कहां पिछड़ गई। उन्होंने नीतीश कुमार और एनडीए को बधाई दी और कहा कि चुनाव में अनावश्यक दोस्ताना मुकाबला नहीं होना चाहिए था।

उन्होंने यह भी कहा कि आरजेडी के संजय यादव और हमारी पार्टी के कृष्णा अलावरू बेहतर तरीके से समझा सकते हैं कि चुनाव में खराब प्रदर्शन क्यों हुआ।

बिहार चुनाव में कांग्रेस की कमियों को लेकर पूर्व कांग्रेस नेता शकील अहमद का कहना है कि वे कांग्रेस में नहीं हैं। उन्हें इस पर नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण के तुरंत बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि फलां व्यक्ति ने गलत कारणों से टिकट बांटे हैं।

वित्तीय अनियमितताओं और अन्य मुद्दों का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इसकी जांच होगी और अगर आरोप सही हैं और टिकट अन्य कारणों से दिए गए हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

बिहार में एआईएमआईएम के बेहतर प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि नतीजे चौंकाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि 2010 में जब कांग्रेस ने बिना गठबंधन के चुनाव लड़ा था तो चार सीटें जीती थीं। उनमें से तीन सीमांचल में थीं और एक सीट भागलपुर से पूर्व अध्यक्ष सदानंद बाबू ने जीती थी।

दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने कहा कि अब कोई बहाने नहीं, कोई दोषारोपण नहीं। समय है सच्चाई स्वीकार करने का। उन्होंने कहा कि कई सालों से पार्टी के साथ खड़े वफादार कार्यकर्ता लगातार पार्टी की सफलता का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हर बार सत्ता केवल कुछ लोगों के हाथ में केंद्रित होने की वजह से उन्हें निराशा ही मिलती है। ये लोग जमीन की वास्तविकता से पूरी तरह कटे हुए हैं और बार-बार पार्टी में महत्वपूर्ण पद पा रहे हैं, जो कांग्रेस के लगातार हारने की वजह बन रहे हैं।


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