एनडीए में अंतर्कलह पर कांग्रेस का हमला, अभय दुबे बोले- सत्ता के लिए दिख रही एकजुटता
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने बिहार एनडीए में अंतर्कलह का आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग सत्ता के लिए एकजुट हैं

बिहार एनडीए में दरार, कांग्रेस ने बताया शर्मनाक और अवसरवादी गठबंधन
- अभय दुबे का तंज : एनडीए की एकता सत्ता की मजबूरी, बिहार से कोई सरोकार नहीं
- जदयू में असंतोष और सीट बंटवारे पर नाराज़गी, कांग्रेस ने उठाए सवाल
पटना। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने मंगलवार को बिहार एनडीए में अंतर्कलह का आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग सत्ता के लिए एकजुट हैं। उन्होंने इस अंतर्कलह को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इन्हें बिहार से कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जदयू के सांसद अजय मंडल को आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने नहीं दिया जा रहा है, जिससे आहत होकर उन्हें नीतीश कुमार को अपने इस्तीफे के लिए अनुमति मांगने का पत्र लिखना पड़ा। उन्होंने कहा कि सांसद को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से नहीं मिलने दिया जाना यह बताने के लिए काफी है कि पार्टी को हाइजैक किया जा चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि जदयू विधायक गोपाल मंडल को सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठे रह गए, लेकिन उन्हें नीतीश कुमार से मिलने नहीं दिया गया। कांग्रेस के नेता ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और मंत्री विजय चौधरी ने पार्टी को अपने कब्जे में ले रखा है। उन्होंने जदयू की कई सीटों को लोजपा (रामविलास) को भी देने का आरोप लगाया।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी तो इतने नाराज हैं कि उन्होंने चिराग पासवान की पार्टी के दो उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।
अभय दुबे ने तंज कसते हुए कहा कि उक्त सभी बातें यह साबित करती हैं कि विपक्ष में बैठने के लिए एनडीए के नेताओं में होड़ मची हुई है और इस रेस में सभी अपना पूरा योगदान देने को आतुर दिख रहे हैं। राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर तंज कसते हुए कहा कि 2020 के चुनावों में 135 सीटों पर लड़कर मात्र एक सीट जीतने वाली लोजपा को 29 सीट देकर एनडीए ने सीट बंटवारे के साथ ही हार की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की अस्वस्थता इस सीट बंटवारे में साफ झलक रही है। पिछले 20 सालों से जदयू हमेशा भाजपा से ज्यादा सीटों पर लड़ती थी, लेकिन आज बराबर की सीटों पर लड़कर एक-दूसरे के सामने खड़ी है।


