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एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान की दो टूक, 'सम्मान से समझौता नहीं होगा'

बिहार में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। एनडीए घटक दलों में अब सीट बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू होने की चर्चा गर्म है

एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान की दो टूक, सम्मान से समझौता नहीं होगा
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चिराग पासवान ने सीट बंटवारे पर कहा- सम्मान से समझौता नहीं होगा

  • नवरात्रि के पहले दिन को बताया शुभ, सीटों पर जल्द फैसला संभव
  • कांग्रेस और राजद पर अकेले चुनाव न लड़ने की हिम्मत न होने का आरोप
  • सीडब्ल्यूसी बैठक को बताया वर्चस्व की लड़ाई का मंच

‎पटना। बिहार में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। एनडीए घटक दलों में अब सीट बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू होने की चर्चा गर्म है।

इस बीच, एनडीए में शामिल लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सीट सम्मानजनक ही रहेगी। उन्होंने कहा, "सम्मान से समझौता कर कौन किस गठबंधन में रहा है?" पटना में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सीट बंटवारे को लेकर कहा कि अब शुभ दिन आ गया है। नवरात्र का पहला दिन है, अब शुभ ही होगा।

इधर, बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस की कार्यसमिति की होने वाली बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में इतनी हिम्मत ही नहीं है कि वह अकेले चुनाव लड़ सके। यह देश की सबसे पुरानी पार्टी है। एक बार बिहार में अकेले चुनाव लड़कर देखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है, उसके बावजूद भी अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत न कांग्रेस जैसी देश की सबसे पुरानी पार्टी के पास है, न बिहार की सबसे पुरानी पार्टियों में से एक राजद के पास है। ये लोग तो कभी अकेले चुनाव लड़ते नहीं हैं।

लोजपा (रामविलास) के प्रमुख ने कहा कि वे हम पर जरूर निशाना साधेंगे। हम लोगों ने अकेले चुनाव लड़ा, तो क्या हो गया? कम से कम अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत तो रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इनमें से किसी में हिम्मत है, तो एक बार अकेले चुनाव लड़ कर दिखाएं।

चिराग पासवान ने कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक को गठबंधन में वर्चस्व की लड़ाई बताया। उन्होंने कहा कि यह कहीं न कहीं दबाव की राजनीति है। जिस दबाव के तहत नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि हमलोग 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी राजद के नेता तेजस्वी यादव के साथ पूरी यात्रा कर लेते हैं, लेकिन एक बार भी मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति कांग्रेस की तरफ नहीं बनती है। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी में कांग्रेस के सभी बड़े नेता रहेंगे। ऐसे में केवल यह दबाव ही है।


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