छठ पर्व पर ट्रेन विवाद: लालू पर भाजपा का पलटवार, कहा- जनता को कर रहे गुमराह
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को नायक के रूप में पेश करने वाले एक पोस्टर पर सियासत तेज हो गई है

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को नायक के रूप में पेश करने वाले एक पोस्टर पर सियासत तेज हो गई है। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि यह बिहार का अपमान है। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, वे खलनायक बन जाएंगे।
जायसवाल ने कहा कि एनडीए पांच पांडवों की सेना है, जबकि वे कौरव हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ बिहार में यात्रा निकाली और बाद में भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर से जननायक की उपाधि चुरा ली। यह बिहार का अपमान है।"
जायसवाल ने आगे कहा, "जननायक का मतलब केवल कर्पूरी ठाकुर। कोई और नहीं हो सकता है। अब राजद ने जन शब्द हटाकर तेजस्वी को सिर्फ नायक कहा है, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, वे खलनायक बन जाएंगे।"
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा छठ पर्व के दौरान ट्रेन सेवाओं के कथित कुप्रबंधन को लेकर एनडीए सरकार पर हमला करने के बाद दिलीप जायसवाल ने पलटवार करते हुए लालू प्रसाद पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। जायसवाल ने कहा, "बिहार के लिए चलने वाली ट्रेनें आधिकारिक रिकॉर्ड में हैं और इस पर विवाद नहीं कर सकता। लालू प्रसाद यादव को यह भी नहीं पता कि उनका 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट कौन चला रहा है। वह हमेशा लोगों को गुमराह करने के लिए जुमलेबाजी करते रहे हैं और अब उनके सोशल मीडिया को संभालने वाले भी यही कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "उन्हें कम से कम छठ पर्व के दौरान अफवाहें फैलाने से बचना चाहिए।"
इससे पहले, लालू ने भाजपा और एनडीए सरकार पर हमला बोला। लालू ने एक्स पर लिखा, "झूठ के बेताज बादशाह और खोखले वादों के उस्ताद ने दावा किया था कि देश की 13,198 ट्रेनों में से 12,000 ट्रेनें छठ के दौरान बिहार के लिए चलाई जाएंगी। यह भी सरासर झूठ निकला। छठ के दौरान भी, वे एनडीए सरकार के तहत 20 सालों से पलायन झेल रहे बिहारियों के लिए ठीक से ट्रेनें नहीं चला सकते।"
राजद प्रमुख ने बिहार के विकास की उपेक्षा के लिए एनडीए की आलोचना करते हुए कहा, "मेरे साथी बिहारी अमानवीय परिस्थितियों में ट्रेनों में यात्रा करने को मजबूर हैं। यह कितना शर्मनाक है? डबल इंजन सरकार की गलत नीतियों के कारण, बिहार से हर साल 4 करोड़ से ज्यादा लोग काम की तलाश में पलायन करते हैं।


