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बिहार: सतर्कता विभाग ने सिवान में 40,000 रुपए की रिश्वत लेते दरोगा को किया गिरफ्तार

बिहार सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत सिवान जिले में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर को 40,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया

बिहार: सतर्कता विभाग ने सिवान में 40,000 रुपए की रिश्वत लेते दरोगा को किया गिरफ्तार
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पटना। बिहार सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत मंगलवार को सिवान जिले में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर को 40,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार अधिकारी की पहचान कन्हैया कुमार सिंह के रूप में हुई है, जो सिवान पुलिस स्टेशन में तैनात था।

यह मामला 18 दिसंबर को हुई एक भूमि विवाद की घटना से जुड़ा है, जिसमें दो पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था। सिवान पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया और इसकी जांच सब-इंस्पेक्टर कन्हैया कुमार सिंह को सौंपी गई।

शिकायत के अनुसार, जांच अधिकारी ने सुनील कुमार से केस डायरी से उसकी बहन का नाम हटाने के बदले में 40,000 रुपए की रिश्वत मांगी।

जब सुनील कुमार ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया, तो अधिकारी ने कथित तौर पर उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी।

दबाव और धमकियों से परेशान होकर सुनील कुमार ने पटना स्थित सतर्कता विभाग से संपर्क किया और औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद सतर्कता विभाग ने गोपनीय सत्यापन किया, जिसमें आरोपों की पुष्टि हुई।

इसके बाद सतर्कता विभाग ने केस दर्ज करते हुए एक विशेष टीम का गठन किया। इस ऑपरेशन का नेतृत्व सतर्कता डीएसपी विप्लव कुमार ने किया और एक विस्तृत रणनीति तैयार की गई।

रिश्वत की रकम का लेन-देन सिवान थाना क्षेत्र के अंतर्गत महाराणा चौक स्थित बबलू टी स्टॉल पर तय किया गया था।

जैसे ही सब-इंस्पेक्टर कन्हैया कुमार सिंह ने शिकायतकर्ता से 40,000 रुपए की रिश्वत ली, पास में ही तैनात सतर्कता टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। रिश्वत की रकम मौके से ही बरामद कर ली गई।

सतर्कता विभाग के डीएसपी विप्लव कुमार ने बताया कि आरोपी सब-इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते ही तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को गहन पूछताछ के लिए पटना ले जाया गया।

सूत्रों के अनुसार, सतर्कता विभाग के अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या अधिकारी पहले भी इसी तरह के भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल था और क्या इसमें कोई बिचौलिए या अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।


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