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बिहार चुनाव: अनंत सिंह के प्रचार में इस्तेमाल दो वाहन जब्त, एफआईआर दर्ज

मोकामा से जदयू उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह के चुनाव प्रचार में कथित तौर पर बिना जरूरी इजाजत के इस्तेमाल हो रही दो गाड़ियों को जब्त किया गया है

बिहार चुनाव: अनंत सिंह के प्रचार में इस्तेमाल दो वाहन जब्त, एफआईआर दर्ज
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मोकामा में आचार संहिता उल्लंघन, जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह के प्रचार वाहन जब्त

  • चुनावी नियमों की अनदेखी, अनंत सिंह के प्रचार में लगी गाड़ियां जब्त
  • बिना अनुमति प्रचार कर रहीं दो गाड़ियां जब्त, अनंत सिंह समेत कई पर केस
  • अनंत सिंह के खिलाफ चुनावी आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज

पटना। मोकामा से जदयू उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह के चुनाव प्रचार में कथित तौर पर बिना जरूरी इजाजत के इस्तेमाल हो रही दो गाड़ियों को जब्त किया गया है। पटना पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

एक आधिकारिक बयान में पुलिस ने बताया कि 3 नवंबर को शाम करीब 4 बजे, मोकामा एसएचओ संतोष कुमार के नेतृत्व में एक टीम मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट को लागू करवाने के लिए पेट्रोलिंग कर रही थी, तभी दो गाड़ियां नियमों का उल्लंघन करती हुई पाई गईं।

कार्रवाई करने वाली इस टीम में असेंबली चुनाव के लिए एफएसटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात एग्जीक्यूटिव ऑफिसर संतोष कुमार रजक भी शामिल थे। टीम ने दो वाहनों को जब्त कर लिया।

पुलिस ने बताया कि एक काली महिंद्रा स्कॉर्पियो (रजिस्ट्रेशन नंबर बीआर-01पीएल-1107) को रोका गया और ड्राइवर मनीष कुमार ने अधिकारियों को बताया कि इस गाड़ी का इस्तेमाल अनंत कुमार सिंह के लिए बिना इजाजत के कैंपेनिंग के लिए किया जा रहा था।

एक टोटो ई-रिक्शा जिस पर 'तीर' (जदयू) का बैनर लगा था, उसे भी जब्त कर लिया गया। बयान में कहा गया कि इसके ड्राइवर अंशुमन कुमार ने भी अधिकारियों को बताया कि इसका इस्तेमाल कैंपेन में किया जा रहा था।

पुलिस ने बताया कि जदयू उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह, उनके एजेंट राजीव रंजन और गाड़ी मालिकों/ड्राइवरों के खिलाफ मोकामा पुलिस स्टेशन में केस नंबर 417/25 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें बीएनएस की धारा 174/223 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 119(2)/190(2) लगाई गई हैं। पुलिस ने आगे कहा कि जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

आपको बताते चलें, जदयू प्रत्याशी और पूर्व विधायक अनंत सिंह इस वक्त दुलारचंद यादव हत्याकांड के सिलसिले में बेउर जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। 1 नवंबर की देर रात उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक थे। 30 अक्टूबर को उनकी हत्या कर दी गई, जिससे मोकामा इलाके में तनाव फैल गया।

शुरुआती दावों में दुलारचंद यादव की मौत का कारण गोली लगना बताया गया था। उनके पैर में भी गोली लगी थी, लेकिन यह उनकी मौत का कारण नहीं था।


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