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बिहार चुनाव : वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए अब तक नहीं आई कोई अपील

बिहार चुनाव : वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए अब तक नहीं आई कोई अपील

बिहार चुनाव : वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए अब तक नहीं आई कोई अपील
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सीईओ का खुलासा- 243 विधानसभा क्षेत्रों में नाम जोड़ने को लेकर शून्य अपील

  • मतदाता सूची पर सन्नाटा, नाम जोड़ने की प्रक्रिया में अब तक कोई पहल नहीं
  • बिहार में फाइनल वोटर लिस्ट जारी, नाम जोड़ने की अपीलों का इंतजार
  • चुनाव आयोग सख्त, मतदाता सूची में सुधार के लिए समय सीमाएं तय

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी और तेज कर दी है। इस बीच बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अभी तक वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने को लेकर कोई भी अपील नहीं प्राप्त हुई है।

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि आवश्यक सूचना, बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के दौरान सभी 243 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा निर्वाचक सूची में नाम जोड़ने एवं विलोपन के संबंध में बुधवार यानी 8 अक्टूबर तक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(क) के तहत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष कोई अपील प्राप्त नहीं हुई है।

बता दें कि भारतीय निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया था कि बिहार में इस बार 90,712 पोलिंग बूथ होंगे। शहरी क्षेत्रों में 13,911 और ग्रामीण क्षेत्रों में 76,801 बूथ होंगे। 1,044 पोलिंग बूथों की जिम्मेदारी महिलाओं के पास होगी।

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.43 करोड़ है। इनमें लगभग 3.92 करोड़ पुरुष और करीब 3.50 करोड़ महिला मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि 1,725 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। करीब 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता, 4.04 लाख 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भी वोटर सूची में हैं, जबकि 100 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 14 हजार है। फर्स्ट टाइम वोटर लगभग 14 लाख हैं।

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बार बिहार के चुनाव मतदाताओं के लिए सुगम और सरल होंगे। पूरी चुनावी मशीनरी तत्परता के साथ मतदाताओं के साथ खड़ी रहेगी। कानून व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण व पारदर्शी तरीके से कराए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 24 जून को शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए बिहार में मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया गया। एक अगस्त को ड्राफ्ट सूची जारी हुई और सभी राजनीतिक दलों को सौंपी गई। एक अगस्त से एक सितंबर तक आपत्ति और दावे के लिए समय दिया गया। पात्रता के परीक्षण के बाद 30 सितंबर को फाइनल मतदाता सूची जारी की गई। यह सूची भी सभी राजनीतिक दलों को दी जा चुकी है।

उन्होंने जानकारी दी कि मतदाता सूची में अगर कोई गलती रह गई है तो जिलाधिकारी के पास अपील की जा सकती है। अगर किसी का नाम छूटा है तो वह नॉमिनेशन के 10 दिन पहले तक जुड़वा सकता है।


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