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बिहार चुनाव : खजौली सीट का भविष्य तय करता है जेडीयू का साथ, जातीय समीकरण बना जीत की कुंजी

बिहार में मधुबनी जिले में स्थित खजौली विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा छह बार और भाजपा चार बार चुनाव जीत चुकी है

बिहार चुनाव : खजौली सीट का भविष्य तय करता है जेडीयू का साथ, जातीय समीकरण बना जीत की कुंजी
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जेडीयू का साथ तय करता है खजौली सीट का भविष्य ! जातिगत समीकरण साधने से ही जीत संभव

  • बिहार चुनाव में खजौली सीट पर गठबंधन की भूमिका अहम, जेडीयू की रणनीतिक ताकत
  • खजौली में जीत का फॉर्मूला: जेडीयू का समर्थन और जातिगत संतुलन
  • खजौली सीट पर इतिहास दोहराने की तैयारी, एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन की सीधी टक्कर
  • खजौली का चुनावी गणित: गठबंधन और जातीय समीकरण से तय होती है जीत

पटना। बिहार में मधुबनी जिले में स्थित खजौली विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा छह बार और भाजपा चार बार चुनाव जीत चुकी है। इस सीट की खास बात यह है कि चुनाव वही पार्टी जीतती है, जिसे जनता दल (यूनाइटेड) का साथ मिलता है।

ये बात अलग है कि जेडीयू ने खजौली सीट से कभी चुनाव नहीं जीता, लेकिन इसका असर हर चुनाव में देखने को मिलता है। इस बार इस सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल सकता है। अगर राजद को इस सीट पर जीत का परचम फहराना है तो जातिगत समीकरण पर विशेष रणनीति बनानी पड़ेगी।

खजौली विधानसभा सीट झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत है। विधानसभा सीट बनने के बाद कई बार खजौली के आरक्षण का दर्जा बदला। यह सीट 1952 से लेकर 1972 तक सामान्य और फिर 1977 से 2005 तक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही। 2010 के परिसीमन के बाद यह सीट फिर से सामान्य बन गई।

खजौली विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टी भी चुनाव जीत चुकी है। 1967 और 1969 में खजौली पर प्रजा समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने भी दो-दो बार जीत हासिल की, जबकि 1977 में या सीट जनता पार्टी के खाते में गई थी।

साल 2005 में दो बार और 2010 में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई। 2015 में जेडीयू के राजद के साथ जाने की वजह से भाजपा को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था और राजद ने बाजी मार ली थी, लेकिन जेडीयू के एनडीए को समर्थन देने के बाद 2020 में भाजपा ने फिर से खजौली सीट पर वापसी की। इस सीट पर अरुण शंकर प्रसाद ने राजद विधायक सीताराम यादव को 22,689 वोटों से हराया।

जेडीयू के साथ गठबंधन में भाजपा को चार बार सफलता मिली और जब जेडीयू ने राजद का समर्थन किया तो लालू की पार्टी ने इस सीट पर चुनाव जीता। विधानसभा के अलावा लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर जेडीयू का मजबूत आधार बना हुआ है।

खजौली में कुल जनसंख्या 529577 है, जिनमें 274769 पुरुष और 254808 महिलाएं हैं। अगर मतदाताओं की बात करें तो खजौली में कुल वोटर 314426 हैं, जिनमें 164535 पुरुष, 149887 महिला और 4 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

मिथिला क्षेत्र में स्थित खजौली उपजाऊ मैदानी इलाकों के लिए फेमस है। खजौली में कमला बलान और बछराज नदियां बहती हैं, जिससे हर साल बाढ़ की समस्या पैदा हो जाती है। यहां की प्रमुख फसलें गेहूं और दाल हैं। सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था न होने की वजह से यहां की कृषि ज्यादातर मानसून पर निर्भर है।


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