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बिहार विधानसभा चुनाव : हर बार बदलाव की मिसाल, इस बार किसे चुनेगी शिवहर की जनता?

बिहार के शिवहर जिले की एकमात्र विधानसभा सीट का नाम शिवहर है। कुछ दशकों से इस सीट पर राजनीतिक लड़ाई बड़ी दिलचस्प रही है, क्योंकि यहां की जनता लगभग हर चुनाव में अपना प्रतिनिधि बदलती रही है

बिहार विधानसभा चुनाव : हर बार बदलाव की मिसाल, इस बार किसे चुनेगी शिवहर की जनता?
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शिवहर। बिहार के शिवहर जिले की एकमात्र विधानसभा सीट का नाम शिवहर है। कुछ दशकों से इस सीट पर राजनीतिक लड़ाई बड़ी दिलचस्प रही है, क्योंकि यहां की जनता लगभग हर चुनाव में अपना प्रतिनिधि बदलती रही है। बिहार के तमाम राजनीतिक मुद्दों से अलग हटकर शिवहर की जनता ने प्रतिनिधि के परिवर्तन को प्राथमिकता दी है। इस बार शिवहर की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनेगी, यह उसके विवेक पर निर्भर करता है।

शिवहर जिला तिरहुत डिवीजन के उत्तरी भाग में स्थित है। यह बिहार राज्य के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है। यह उत्तर और पूर्व में सीतामढी जिले से, दक्षिण में मुजफ्फरपुर जिले से और पश्चिम में पूर्वी चंपारण जिले से घिरा है। जनसंख्या के आकार और जिले के कुल क्षेत्रफल दोनों के मामले में यह बिहार राज्य का सबसे छोटा जिला है।

शिवहर में पांच ब्लॉक हैं, जिनमें शिवहर, पिपरारी, पुरनहिया, डुमरी कटसारी और तरियानी शामिल हैं।

इस जिले को 6 अक्टूबर 1994 को बिहार सरकार द्वारा अपनी अधिसूचना संख्या 286 के तहत सीतामढ़ी जिले से अलग किया गया था। शिवहर बिहार राज्य का एक प्रशासनिक जिला है, जिसमें एक ही शिवहर विधानसभा सीट भी है। जिला मुख्यालय शिवहर में स्थित है, जो खुद जिले का एकमात्र शहर है। जिले में कुल मिलाकर 53 पंचायतें और 203 गांव हैं।

लगभग 443 वर्ग किलोमीटर में फैले शिवहर जिले की कुल आबादी 6.56 लाख से अधिक है। इसमें पुरुषों की संख्या लगभग 3.46 लाख और 3.09 लाख महिलाएं हैं।

शिवहर में एक प्रसिद्ध बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर है। बताया जाता है कि यह अति प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण द्वापर काल में हुआ। इस कारण मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। खास बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही पत्थर को तराश कर किया गया।

1956 में प्रकाशित अंग्रेजी गजट में नेपाल के पशुपतिनाथ और भारत के हरिहर क्षेत्र के मध्य इस मंदिर के होने की बात कही गई थी। कोलकाता हाईकोर्ट के एक फैसले में भी इस मंदिर को अति प्राचीन बताया गया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, ईस्ट इंडिया कंपनी की चौकीदारी रसीद पर भी मंदिर का उल्लेख मिलता था। मंदिर के पश्चिम भाग में एक तालाब है, जिसकी खुदाई करीब 1962 में छतौनी गांव निवासी संत प्रेम भिक्षु ने कराई थी।

राजनीति पृष्ठभूमि को देखें तो शिवहर में मतदाताओं की कुल संख्या 3.14 लाख से अधिक है। 2020 के विधानसभा चुनाव में शिवहर की जनता ने चेतन आनंद को अपना प्रतिनिधि चुना। 36,686 वोटों से चेतन आनंद को जीत मिली थी। उन्होंने जेडीयू के उम्मीदवार मोहम्मद सरफुद्दीन को हराया था, जो 2015 में विधायक चुने गए थे।

शिवहर की जनता की खासियत यह है कि उसने समय-समय पर बदलाव करते हुए राजद और जेडीयू के प्रत्याशियों को मौका दिया है। 2010 के चुनाव में जेडीयू को सीट मिली थी। उसके पहले 2005 में यहां से राजद का विधायक चुना गया था।


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