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बिहार एसआईआर में 99.11% मतदाताओं के दस्तावेज मिले : चुनाव आयोग

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) चल रहा है

बिहार एसआईआर में 99.11% मतदाताओं के दस्तावेज मिले : चुनाव आयोग
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चुनाव आयोग ने साझा किया एसआईआर डेटा, विपक्ष के हमलों के बीच बड़ी जानकारी

  • 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99% के दस्तावेज पहले से मौजूद: आयोग
  • चुनाव आयोग ने 28,000 राजनीतिक प्रतिनिधियों से की बातचीत, एसआईआर पर फोकस
  • बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण, आयोग ने साझा की प्रगति रिपोर्ट
  • राजनीतिक दलों से 4,719 बैठकें, आयोग ने पारदर्शिता को बताया प्राथमिकता

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) चल रहा है। एसआईआर मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। इस बीच चुनाव ने एसआईआर का आंकड़ा साझा किया है।

ड्राफ्ट सूची के आंकड़े सार्वजनिक करने की पहल

भारत निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित ड्राफ्ट लिस्ट के अनुसार 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.11 प्रतिशत के दस्तावेज पहले भी प्राप्त हो चुके हैं।

इससे पहले चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि पिछले छह महीनों में भारत निर्वाचन आयोग ने सभी स्तरों पर राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ बातचीत की और लंबे समय से महसूस की जा रही आवश्यकता को पूरा किया है। इसके लिए उसने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बैठकें आयोजित की हैं।

प्रेस नोट में आगे कहा गया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने इस साल मार्च में आयोजित मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन में चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में इन बैठकों की परिकल्पना की थी। तदनुसार, सभी राजनीतिक दलों के साथ 4,719 संरचित बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें सीईओ द्वारा 40 बैठकें, डीईओ द्वारा 800 बैठकें और ईआरओ द्वारा 3,879 बैठकें शामिल थीं, जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

राजनीतिक दलों को सुझाव देने का खुला मंच

उन्होंने कहा कि सभी 6 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था और आयोग मई में 5 राष्ट्रीय दलों के पार्टी प्रमुखों एवं अधिकृत प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर चुका है। ये बैठकें पार्टी प्रमुखों को अपने सुझाव सीधे आयोग के साथ साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। ये बैठकें चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों के अन्य प्रतिनिधिमंडलों के साथ उनके अनुरोध पर की जाने वाली बैठकों के अतिरिक्त हैं।

आयोग ने जुलाई और अगस्त के दौरान 17 मान्यता प्राप्त राज्य राजनीतिक दलों के साथ भी बातचीत की है। शेष राजनीतिक दलों के साथ बैठक की प्रक्रिया चल रही है। ये सक्रिय बैठकें आयोग की एक नई पहल हैं और राजनीतिक दलों के साथ बातचीत के पहले के तरीके से अलग हैं, जो केवल राजनीतिक दलों के प्रतिनिधित्व से प्रेरित थे। यह पहल सभी हितधारकों के साथ मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत करने के आयोग के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।


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