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बिहार अगली हरित क्रांति का केंद्र बनेगा : सुशील मोदी

मोदी ने कहा कि बिहार में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गंगा नदी के किनारे जैविक कॉरीडोर विकसित किया जा रहा है

बिहार अगली हरित क्रांति का केंद्र बनेगा : सुशील मोदी
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पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मेादी ने यहां शुक्रवार को कहा कि जनसंख्या के अत्यधिक घनत्व एवं बाढ़ और सुखाड़ जैसी चुनौतियों के बावजूद उपजाऊ भूमि, पानी एवं मेहनतकश मजदूरों की उपलब्धता के कारण बिहार में कृषि विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं और यह राज्य अगली हरित क्रांति का केंद्र बनेगा। बिहार में कृषि विकास की क्षमता एवं इसके स्रोत व वर्धक तत्व पर आधारित राउंड टेबुल कान्फ्रेंन्स की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने कहा कि बिहार में वर्ष 2019 के अंत तक कृषि कार्यो के लिए अलग बिजली फीडर की व्यवस्था होगी। जैविक कॉरीडोर में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को अनुदान के रूप में 6,000 रुपये अग्रिम दिए जाएंगे तथा आगामी चार वर्षों में 46,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति विद्युतीकरण योजना के तहत अगले वर्ष मार्च तक कृषि कार्यो के लिए 1,312 फीडर लगाए जाएंगे, जिससे खेती के लिए छह से आठ घंटे तक बिजली मिल सकेगी।

मोदी ने कहा कि बिहार में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गंगा नदी के किनारे जैविक कॉरीडोर विकसित किया जा रहा है, जिसमें 3 एकड़ में जैविक खेती करने वाले किसानों को अनुदान के रूप में 6,000 रुपये अग्रिम देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सब्जी सहकारी समिति का गठन किया जा रहा है, जिनके माध्यम से सब्जियों के अधिप्राप्ति से प्रसंस्करण तक के कार्य किए जाएंगे।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य के 80 प्रखंडों में ऐसे प्राथमिक सहकारी समितियों का गठन किया जा चुका है। कृषि के विकास के लिए सड़क को महत्वपूर्ण घटक बताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 12 वर्षो में 68,726 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है।

अनाज की अधिप्राप्ति में नमी की अत्यधिक मात्रा को बड़ी बाधा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे कम करने के लिए 'ड्रायर' की व्यवस्था की जा रही है। मोदी ने कहा कि बिहार में कृषि के विकास की वास्तविक यात्रा वर्ष 2005 के बाद से शुरू हुई है और अन्य राज्यों से तुलना भी इसी आधार पर की जानी चाहिए।


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