Top
Begin typing your search above and press return to search.

बिहार : थानों में कानून व्यवस्था और अपराध जांच के लिए अलग-अलग अधिकारी होंगे

बिहार के थानों में अब आपराधिक मामलों की जांच और विधि व्यवस्था बनाए रखने के जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारी निभाएंगे

बिहार : थानों में कानून व्यवस्था और अपराध जांच के लिए अलग-अलग अधिकारी होंगे
X

पटना। बिहार के थानों में अब आपराधिक मामलों की जांच और विधि व्यवस्था बनाए रखने के जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारी निभाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे किसी भी मामले की जांच जल्द होगी तथा क्षेत्र में विधि व्यवस्था बनाए रखना भी आसान होगा। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमित कुमार ने सोमवार को बताया कि राज्य के सभी पुलिस थानों में इस साल 15 अगस्त से कानून-व्यवस्था संभालने और आपराधिक मामलों की जांच के लिए अलग-अलग अधिकारी होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा थानों में एक प्रबंधक की भी नियुक्ति की जाएगी।

बिहार पुलिस इस मामले को लेकर काफी दिनों से विचार कर रही थी, अब यह व्यवस्था 15 अगस्त से राज्य में लागू होगी।

प्रबंधक की जवाबदेही थाना के प्रबंधन की होगी। इनके जिम्मे थाना भवन का प्रबंधन, साफ-सफाई, आगंतुक कक्ष का रखरखाव, आगंतुकों का स्वागत, विद्युत, दूरभाष, कंप्यूटर, इंटरनेट, वाहनों के ईंधन व मरम्मत संबंधी कार्य की देखरेख करेंगे।

कुमार ने कहा कि थानों में आमतौर पर आपराधिक मामलों की जांच और विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियुक्त वर्गो में औसतन 50-50 प्रतिशत अनुपात में बलों का बंटवारा होगा, लेकिन जहां जांच के लिए लंबित मामले ज्यादा होंगे, वहां यह अनुपात बढ़ भी सकता है।

उन्होंने कहा, "थाना में नियुक्त जांच अधिकारी और विधि व्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारी अवर थाना प्रभारी होंगे और इनकी निगरानी थाना प्रभारी करेंगे।"

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 18 जुलाई को विधानसभा में कहा था, "15 अगस्त से बिहार के हर थाने में क्राइम की जांच और विधि व्यवस्था संभालने के लिए अलग-अलग अधिकारी बहाल किए जाएंगे। इसके अलावा हर थाने में एक प्रबंधक की नियुक्ति भी की जाएगी।"

उन्होंने गलत काम करने वाले पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि जिनके इलाके में शराब की खरीद-बिक्री होती पाई जाएगी, उनकी थाने में पोस्टिंग 10 साल तक नहीं होगी। इसके अलावा, जिनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई होगी, उनकी थाने में पोस्टिंग नहीं होगी।

एडीजी कुमार ने बताया कि राज्य पुलिस ने 43 संवेदनशील अनुमंडलों की पहचान की है, जहां पुलिस उपाधीक्षक की मदद के लिए अतिरिक्त पुलिस उपाधीक्षक के पद होंगे। उन्होंने कहा कि इन संवेदनशील इलाकों में काम समय-सीमा के अंदर निपटाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के थानों में करीब 1़ 40 लाख मामले अभी जांच के लिए लंबित हैं। बिहार में पिछले साल यानी 2018 में 2,62,802 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल अप्रैल महीने तक 86,161 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिहार में जिन थानों में महिला पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय और स्नानघर की सुविधा नहीं होगी, वहां महिला पुलिसकर्मी की तैनाती नहीं की जाएगी।

एडीजी अमित कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में 23 हजार पुलिसकर्मियों की नियुक्ति हुई है, जिससे राज्य में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़कर 87 हजार हो गई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यहां कुल 1़20 लाख पुलिसकर्मियों के पद हैं। जल्द ही इन रिक्त पदों पर भी नियुक्ति की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जांच और विधि व्यवस्था (पुलिसिंग) दोनों कार्यो से पुलिसकर्मियों की एकाग्रता प्रभावित हुई है। ऐसे में बदलाव जरूरी है। बिहार में पुलिस को आधुनिक बनाने का भी कार्य चल रहा है। आधुनिक सुविधा से लैस, भूकंपरोधी पुलिस मुख्यालय का भवन निर्माण कराया गया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it