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बिहार : कन्हैया पर हमले विरोध की रणनीति व सियासी सक्रियता के परिणाम

माकपा ने आरोप लगाया है कि जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर भारतीय जनता पार्टी या उनके समर्थित संगठनों द्वारा हमले कराए जा रहे हैं।

बिहार : कन्हैया पर हमले विरोध की रणनीति व सियासी सक्रियता के परिणाम
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पटना | मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या उनके समर्थित संगठनों द्वारा हमले कराए जा रहे हैं।

कन्हैया इन दिनों नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में अपनी जन-गण-मन यात्रा के दौरान बिहार के दौरे पर हैं और सभाएं कर रहे हैं। इस दौरान राज्य के विभिन्न इलाकों में असामाजिक तत्वों द्वारा उनके काफिले पर नौ हमले हो चुके हैं।

माना जा रहा है कि भूमिहार जाति से आने वाले कन्हैया की इस यात्रा के दौरान हो रही सभाओं में भारी भीड़ एकत्रित हो रही है, जिसमें मुस्लिम और हिंदू बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। भूमिहार जाति को भाजपा का वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दक्षिणपंथी संगठन वामपंथ के विरोध में खड़े हो गए हैं।

माकपा सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा, "कन्हैया पर हमले करने वाले कोई और नहीं हैं, बल्कि हताश और हिंदुवादी संगठनों के कार्यकर्ता हैं। जितनी सुरक्षा कन्हैया की यात्रा को मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल रही है, जिस कारण कई लोगों को हमला करने का मौका मिल जाता है। कन्हैया की चर्चित छवि से भाजपा की राजनीतिक जमीन खिसकती जा रही है, जिस कारण पार्टी अपने लोगों द्वारा तरह-तरह के व्यवधान डाल रही है।"

उल्लेखनीय है कि एनआरसी और सीएए के खिलाफ एक महीने तक चलने वाली इस जन-गण-मन यात्रा के दौरान कन्हैया बिहार के लगभग सभी प्रमुख शहरों में पहुंचेंगे और करीब 50 सभाएं करेंगे। कन्हैया ने इस यात्रा की शुरुआत 30 जनवरी को बेतिया से की थी। उनकी यह यात्रा 29 फरवरी को समाप्त होने वाली है। कन्हैया के काफिले पर जमुई, सुपौल, कटिहार, आरा, लखीसराय, सारण सहित कई इलाकों में हमला किया गया है।

गौरतलब है कि 14 जनवरी को बक्सर से आरा आने के क्रम कन्हैया के काफिले पर हुए हमले के खिलाफ में भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना के गजराजगंज ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस मामले में पुलिस ने भोजपुर के शिवसेना महासचिव विक्रमादित्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

इधर, सूत्रों का दावा है कि कई जातीय संगठनों के लोगों द्वारा भी कन्हैया के विरोध की रणनीति बनाई गई है। लखीसराय के गांधी मैदान में आयोजित सभा में कन्हैया की ओर चप्पल उछाले जाने वाले की पहचान चंदन कुमार के रूप में की गई है। पुलिस हिरासत में चंदन का कहना है कि कन्हैया देश का गद्दार है और वह देश में दंगा भड़काना चाहता है। उसने कहा कि वामपंथ की विचारधारा कभी काम नहीं आएगी। चंदन ने खुद को देशभक्त बताया।

बहरहाल, कन्हैया की सभाओं में जुट रही भीड़ से बिहार में नए सियासी समीकरण तलाशे जाने लगे हैं। ऐसे में कन्हैया के विरोध को वामपंथी दल भी फायदे के रूप में देख रहे हैं। कन्हैया ने ट्वीट किया है, "हमले तुम्हारे जारी हैं, लेकिन नफरत पर महोब्बत भारी है।"


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