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बिहार जन आंदोलनों की भूमि, एक बार फिर इतिहास बनाने की शुरूआत : ममता बनर्जी

भाजपा विरोधी दलों की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने जमकर सियासी हमला बोला

बिहार जन आंदोलनों की भूमि, एक बार फिर इतिहास बनाने की शुरूआत : ममता बनर्जी
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पटना। भाजपा विरोधी दलों की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने जमकर सियासी हमला बोला। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बिहार से प्रारंभ हुआ आंदोलन अपनी परिणति तक पहुंचता है। बिहार में इससे पहले भी कई जन आंदोलन हुए हैं और आज एकबार फिर बिहार से इतिहास बनाने की शुरूआत हुई है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि महात्मा गांधी के भारत को 'गोड्से का देश' नहीं बनने देना है, इसलिए हमलोग एकसाथ आए हैं।

बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि हम सभी एकजुट हैं, हम एकजुट होकर लड़ेंगे। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह तानाशाही की सरकार है। उन्होंने अंदेशा जताते हुए कहा कि अगली बार अगर भाजपा जीतकर सत्ता में आई तो फिर चुनाव नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि आज 17 दलों की बैठक हुई। इस बैठक में तीन चीज निकलकर आई- हम लोग एक हैं, हम लोग एक साथ लड़ेंगे, अगली बैठक शिमला में होगी।

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बिहार की जमीन से जो इतिहास बनने जा रहा है, उसकी शुरूआत जम्मू-कश्मीर से हो चुकी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हम किसी सत्ता या चुनाव के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र के लिए इकट्ठा हुए हैं। हमारी कोशिश यह रहेगी कि हम गांधी के मुल्क को 'गोड्से का मुल्क' नहीं बनने देंगे।

उन्होंने कहा कि जो मुल्क के अंदर हो रहा है और हमारे लोकतंत्र, संविधान, सेक्युलरिज्म पर हमला हो रहा है, उसकी प्रयोगशाला हमारा जम्मू-कश्मीर बन चुका है। इसकी शुरूआत जम्मू-कश्मीर से हुई है और पूरे मुल्क में वही हो रहा है।


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