बिहार : मानूसन सत्र के अंतिम दिन भी सदन नहीं पहुंचे तेजस्वी
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को भी विधानसभा सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सदन नहीं पहुंचे

पटना। बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को भी विधानसभा सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सदन नहीं पहुंचे, जिसे लेकर सत्तापक्ष ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। 21 दिन तक चले इस मानसून सत्र में विपक्ष के नेता सदन में दो दिन ही करीब एक-एक घंटा उपस्थित रहे। सत्तापक्ष का कहना है कि विपक्ष के नेता के नहीं रहने के कारण सदन में विपक्ष जहां एकजुट नहीं दिखा, वहीं विपक्ष जनता के किसी भी मुद्दे को लेकर तार्किक सवाल-जवाब नहीं कर सका।
जनता दल (युनाइटेड) के विधायक सुधांशु शेखर का कहना है कि विधानसभा के चुनाव में तेजस्वी यादव की जमानत नहीं बचेगी। उन्होंने कहा कि शायद यह पहला मौका है, जब विपक्ष के नेता सदन में अधिकांश दिन गायब रहे।
उन्होंने कहा कि जनता विधायकों को सदन अपनी समस्या को उठाने के लिए सदन भेजती है। शेखर ने कहा कि तेजस्वी ने तो विरासत में मिला विधायक पद को भी नहीं संभाल पा रहे।
भाजपा के विधायक जीवेश मिश्रा कहते हैं कि यह यह गलत परंपरा की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि राजद सदन की परंपरा का पालन नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी सदन में आए होते तो निश्चित रूप से जनता की चिंता करते।
राजद ने हालांकि तेजस्वी का बचाव किया। पार्टी के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पता चल जाएगा कि जनता किसके साथ है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को भाजपा के लोगों ने फंसाया है, वे अदालत जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में राजद के 79 विधायक हैं, जो सरकार को घेरते और कटघरे में खड़ा करते रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 21 दिन चले इस मानसून सत्र में विपक्ष ने सत्तापक्ष को बाढ़, सूखा, चमकी बुखार, कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर घेरने की जमकर कोशिश की।


