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बिहार : कोरोना के भय के बीच जिंदगी सामान्य बनाने में जुटे लोग

कोरोनावायरस संक्रमण के बादल अभी छंटे नहीं हैं, लेकिन सरकार द्वारा अनलॉक 1 की घोषणा के बाद सोमवार को लोग अपनी जिंदगी को सामान्य करने की कवायद में जुट गए हैं

बिहार : कोरोना के भय के बीच जिंदगी सामान्य बनाने में जुटे लोग
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पटना। कोरोनावायरस संक्रमण के बादल अभी छंटे नहीं हैं, लेकिन सरकार द्वारा अनलॉक 1 की घोषणा के बाद सोमवार को लोग अपनी जिंदगी को सामान्य करने की कवायद में जुट गए हैं। लोग अनलॉक के पहले दिन कार्यालय खुलने के बाद सड़कों पर निकले। सड़कों पर वाहनों की भीड़ दिखी, बाजारों में चहल-पहल दिखी। हर लोग एहतियात बरतते हुए खुद को संक्रमण से बचाते हुए दिखे। हालांकि कई बाजारों में सोशल डिस्टिेंसिंग का मखौल उड़ता भी दिखा।

सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार, सरकारी कार्यालय के साथ ही निजी कार्यालय खुल गए हैं। अधिकांश लोग अपने कार्यालय पहुंचे और उपस्थिति दर्ज कराई।

लेकिन लोगों में अभी भी कोरोना को लेकर भय है। आईटी कंसल्टेंसी निजी कंपनी इंटेनेक्सट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख अभिनव दास कहते हैं, "जीवन भले ही रफ्तार पकड़ ले पर पहले जैसी सामान्य स्थिति तो नहीं हो पाएगी। अब हमें इसके साथ ही रहना होगा। मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिग अब जिंदगी का अभिन्न अंग बनें होंगे।"

कोरोना संकट के बीच सोमवार से पूरे राज्य में बस सेवा शुरू हो गई। पटना से 150 से ज्यादा बसें चलीं। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें कोरोना जागरूकता का जरिया बनेंगी। राज्य में चलने वाली सभी बसों पर आकर्षक इमोजी और स्लोगन के जरिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में अंदर एवं बाहर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपायों संबंधी स्टीकर व स्लोगन लगाए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी निर्देश के तहत रात नौ बजे के बाद बस स्टैंड से बसों का परिचालन शुरू नहीं होगा।

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चार फेज के लॉकडाउन के बाद अनलॉकडाउन-1 में बाजार, दुकानें, परिवहन आदि को खोल दिया गया है, ऐसे में और ज्यादा एहतियात व सतर्कतता बरतने की जरूरत है।

राज्य सरकार ने घर से बाहर निकलने, सार्वजनिक स्थानों व परिवहन आदि के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में पंचायतें पंचम राज्य वित्त आयोग द्वारा प्रावधानित 160 करोड़ रुपये की राशि से सभी ग्रामीण परिवारों को एक साबुन व चार मास्क उपलब्ध कराएंगी।

उन्होंने कहा कि करीब 20 दिन पहले निर्गत आदेश के बावजूद अब तक सभी ग्रामीण परिवारों को साबुन व मास्क उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। सभी पंचायतों के मुखिया से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदत्त राशि का सदुपयोग करते हुए प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए अधिकतम 20-20 रुपये कीमत के एक साबुन व चार मास्क अधिकतम 100 रुपये खर्च कर वितरण वार्ड सदस्यों के माध्यम से सुनिश्चित करें।

मोदी ने कहा कि ब्लॉक क्वोरंटीन सेंटरों में 12़ 71 लाख लोगों ने निबंधन कराया है, जिसमें से आठ लाख लोग डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। इन सभी लोगों के लिए मास्क पहनना और ज्यादा जरूरी है।


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