बिहार: शहीद मुजाहिद की अंतिम विदाई पर नहीं पहुंचा कोई मंत्री
जम्मू के करन नगर इलाके में सीआरपीएफ कैम्प में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जांबाज बिहार के भोजपुर जिले के पीरो के लाल मुजाहिद खान को बुधवार को यहां के लोगों ने नम आखों से अंतिम विदाई दी।

आरा। जम्मू के करन नगर इलाके में सीआरपीएफ कैम्प में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जांबाज बिहार के भोजपुर जिले के पीरो के लाल मुजाहिद खान को बुधवार को यहां के लोगों ने नम आखों से अंतिम विदाई दी। उनके पार्थिव शरीर को पीरो के एक कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस मौके पर केंद्र या राज्य सरकार को कोई मंत्री नहीं पहुंचा।
देश पर जान न्योछावर करने वाले मुजाहिद खान के जनाजे में जनसैलाब उमड़ पड़ा। शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए उनके गांव के अलावा आसपास के कई गांवों से हजारों लोग पीरो पहुंचे।
Bihar: Wreath laying ceremony of CRPF Jawan Mujahid Khan in Arrah. He lost his life in Srinagar's #KaranNagar encounter. pic.twitter.com/JFDSrLPYkw
— ANI (@ANI) February 14, 2018
पीरो के ऐतिहासिक पड़ाव मैदान में शहीद मुजाहिद के जनाजे की नमाज पढ़ी गई, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। पीरो के दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बंद रखा और शव यात्रा में शामिल हुए। जनाजे में शामिल लोगों ने 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे भी लगाए।
पीरो गांव निवासी राजमिस्त्री रहे अब्दुल खैर खान के पुत्र मुजाहिद सितंबर वर्ष 2011 में सीआरपीएफ के 49वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। मुजाहिद के परिजनों के मुताबिक, मुजाहिद बचपन से ही देशभक्ति की भावना से लवरेज थे।
जम्मू के सीआरपीएफ कैम्प पर सोमवार को हुए आतंकी हमले में आमने-सामने की गोलीबारी में छह जवान शहीद हुए, जिनमें से एक पीरो का लाल मुजाहिद खान भी था। खुद को राष्ट्रभक्त बताने वाले एक भी मंत्री ने शहीद जवान को आखिरी सलामी देने की जहमत नहीं उठाई। शहीद के परिजनों को इसका मलाल है।


