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बिहार : नीतीश ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का किया सर्वेक्षण

नेपाल के तराई और बिहार के सीमांचल क्षेत्रों में सप्ताहभर से हो रही बारिश की वजह से बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है

बिहार : नीतीश ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का किया सर्वेक्षण
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पटना। नेपाल के तराई और बिहार के सीमांचल क्षेत्रों में सप्ताहभर से हो रही बारिश की वजह से बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है।

राज्य के 12 से अधिक जिलों की लगभग 35 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि बाढ़ से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अपुष्ट खबरों के मुताबिक बाढ़ से अब तक 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण किया और कहा कि प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं।

बिहार के पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के बाद पटना पहुंचे मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "नदियों के तेज प्रवाह और अत्यधिक बारिश के कारण हालत बिगड़े हैं। कई ऐसे क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जहां कोई उम्मीद भी नहीं कर सकता।"

उन्होंने कहा, "बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चल रहे हैं, जल्द ही बाढ़ राहत शिविर खोले जाएंगे। हेलीकॉप्टर से पीड़तों के बीच खाने के पॉकेट गिराए जा रहे हैं।"

राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि एक दर्जन से ज्यादा जिलों में आई अप्रत्याशित बाढ़ से मुकाबले के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है।

पूर्वी बिहार के अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में काफी वर्षो के बाद इस तरह की बाढ़ आई है कि शहरों तक में पानी भर गया है। कटिहार में सेना की मदद ली जा रही है।

उन्होंने कहा, "उत्तर बिहार के भी कई जिले जिनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी प्रमुख हैं, अचानक बाढ़ में घिर गए हैं। बाढ़ से घिरे लोगों के बचाव और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सेना के सात कॉलम के साथ ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 22 और एसडीआरएफ की 13 टीमें लगाई गई हैं।"

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षामंत्री अरुण जेटली राज्य सरकार के संपर्क में रह कर पल-पल की खबर ले रहे हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के साथ ही उनके बीच खाने के पैकेट, पॉलिथीन शीट आदि का वितरण किया जा रहा है।"

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों के सभी सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं तथा युद्धस्तर पर बचाव कार्य में लगने का उन्हें राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "बाढ़ से सबसे अधिक अररिया, किशनगंज और पूर्णिया के क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। इन स्थानों पर सड़क और पुल-पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंगलवार को आपदा प्रबंधन, सड़क निर्माण तथा ग्रामीण कार्य विभागों के अधिकरी तथा सभी संबंधित जिलाधिकारी स्थिति का जायजा लेंगे।"

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। वीरपुर बैराज में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है।

नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता शेषनाथ सिंह ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.66 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक का जलस्तर 3.92 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि कोसी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है, क्योंकि नेपाल के बराह क्षेत्र में कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।

सिंह ने बताया कि बागमती नदी डूबाधार, सोनाखान और बेनीबाद में जबकि कमला बलान नदी झंझारपुर और जानकीबियर क्षेत्र में खतरे के निशान को पार कर गई है। अधवारा समूह की नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

राज्य के अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी में स्थिति गंभीर है। किशनगंज और अररिया जिले की स्थिति सबसे बदतर बताई जा रही है।

बाढ़ के कारण कई प्रखंडों को सड़क सपंर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है। इधर, कई क्षेत्रों में रेल पटरियों और स्टेशनों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है, जबकि कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।


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