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बिहार : राहत शिविर छोड़ अपने घरों में लौटने लगे हैं लोग

बिहार में इस वर्ष बाढ़ग्रस्त 19 जिलों में से करीब सभी जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी तेजी से निकल रहा है, जिससे लोग राहत की सांस ले रहे हैं

बिहार : राहत शिविर छोड़ अपने घरों में लौटने लगे हैं लोग
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पटना। बिहार में इस वर्ष बाढ़ग्रस्त 19 जिलों में से करीब सभी जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी तेजी से निकल रहा है, जिससे लोग राहत की सांस ले रहे हैं।

हालांकि उनकी परेशानियां अभी कम नहीं हुई हैं। इस बीच राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि इन इलाकों में सामुदायिक रसोई उस समय तक चलती रहेगी, जब तक लोग चाहेंगे। बिहार में बाढ़ से अभी भी 1. 71 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। किशनगंज, अररिया और पूर्णिया जिले के करीब सभी क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल गया है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मंगलवार को बताया कि अगले तीन-चार दिनों में राहत शिविर बंद कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि करीब सभी जिलों में बाढ़ का पानी तेजी से उतर रहा है और लोग राहत शिविर छोड़कर अपने घरों में लौटने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता तीन से चार दिनों के अंदर सभी बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री और उनके बैंक खाते में छह हजार रुपये पहुंचाने की है।

प्रधान सचिव ने कहा कि इन इलाकों में सामुदायिक रसोई उस समय तक चलती रहेगी, जब तक लोग चाहेंगे। उन्होंने कहा कि अभी बाढ़ग्रस्त इलाकों में 435 सामुदायिक रसोई चल रही हैं, जिसमें डेढ़ लाख से ज्यादा लोग खाना खा रहे हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बाढ़ग्रस्त जिलों के प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी उतर रहा है, लेकिन अभी भी राज्य के 187 प्रखंडों की 1. 71 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 514 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक 95 लोगों की मौत अररिया जिले में हुई है।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त जिलों में राहत और पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है।


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