बिहार : सरकार 'चमकी रोग' का पता लगाने के लिए शोध करेगी
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी बुखार (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों की घटना

नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी बुखार (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों की घटना को देखते हुए केंद्र सरकार इस रोग के कारण पता लगायेगी और इसके निदान के लिए दीर्घकालिक योजना बनायेगी।
इस बीच केंद्र सरकार इस मामले को देखते हुए डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक और टीम आज शाम को बिहार भेज रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने संसद परिसर में पत्रकारों को मुजफ्फरपुर की इस घटना के बारे में कहा कि उन्होंने गत दिनों मुजफ्फरपुर की यात्रा कर अस्पताल में भर्ती मरीजों, उनके अभिभावकों और डाक्टरों से विस्तृत बातचीत की थी और उनका हालचाल पूछ कर इसकी जानकारी मीडिया को भी दी थी।
उन्होंने कहा कि जापानी बुखार के ईलाज के लिए वैक्सीन निकाली गई है और मुजफ्फरपुर के बच्चों को भी यह वैक्सीन दी गयी है।
लेकिन मरने वाले ज्यादातर बच्चे जापानी बुखार से नहीं बल्कि एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से मरे हैं और यह रोग किन कारणों से होता है इसका पता सरकार लगायेगी और उसके निदान के लिए दीर्घकालिक योजना बनायेगी।
उन्होंने कहा कि जापानी बुखार वायरस से होता है लेकिन यह एक्यूट इनसेफलाइटिस सिंड्रोम किन वजह से हो रहा है इसका पहले पता लगाना ज्यादा जरूरी है।
क्या यह कोई नया वायरस है या किसी अन्य तरह का संक्रमण है या कोई अन्य कारण। इसका पता लगाने के लिए गहन शोध कार्य की जरूरत है।
डॉ हर्षवर्द्धन ने कहा कि इस बीमारी के कारणों की जानकारी जानने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च जैसी अनेक स्तरीय राष्ट्रीय संस्थाओं की मदद लेकर शोध कार्य को पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर और उसके नजदीकी के इलाके के मरीजों को तड़के देर रात में या सुबह सुबह पता चलता है कि उनके बच्चों के दिमाग और शरीर में झटका लगा है
और तेज बुखार हुआ है तो वे तत्काल सरकारी अस्पताल या अन्य अस्पतालों में जाकर अपना ईलाज शुरु कर देते हैं ।
इसलिए अब मरीज के परिवार वाले इस रोग को लेकर काफी जागरूक हो गये है लेकिन यह रोग किस वजह से हो रहा है।
इसका अब तक पता नहीं चला है। इसलिए कारगर इलाज नहीं हो पा रहा है। सरकार बच्चों को बचाने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।
और उसने हर स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दे रखा है कि बच्चों का ईलाज सही समय पर सही ढंग से हो।
उन्होंने कहा कि वह रोज इस घटना की दिल्ली से निगरानी कर रहे हैं और रोज दो घंटे समय इस पर लगा रहे हैं ताकि किसी तरह की कोई लापरवाही इसकी रोकथाम में न हो।
उन्होंने यह भी बताया कि पहले भी डाक्टरों और विशेषज्ञों की एक टीम वहां जा चुकी है और आज फिर एक टीम वहां जा रही है।
ताकि बच्चों के ईलाज को सही किया जा सके और स्थानीय डाक्टरों की मदद की जा सके।
उन्होंने कहा कि वह लगातार मीडिया से संपर्क बनाये हुए हैं और इस घटना की सही जानकारी लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं ताकि किसी तरह की कोई गलत जानकारी लोगों में न फैले।
गौरतलब है कि इस रहस्मय बुखार के कारण अब तक एक सौ से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है और स्थिति का जायजा लेने के लिए डॉ हर्षवर्द्धन के अलावा स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे और डॉक्टरों की टीम मुजफ्फरपुर का दौरा कर चुकी है।


