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जदयू में सबकुछ ठीक नहीं, अध्यक्ष ने अनाधिकृत व्यक्तियों के आदेश नहीं मानने का जारी किया फरमान

बिहार में सत्तारूढ जनता दल (युनाइटेड) के नेता भले ही पार्टी में सब कुछ ठीक बता रहे हों, लेकिन पार्टी में टकराव की आहट बारबार राजनीति की आबोहवा में सुनाई दे रही है

जदयू में सबकुछ ठीक नहीं, अध्यक्ष ने अनाधिकृत व्यक्तियों के आदेश नहीं मानने का जारी किया फरमान
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पटना। बिहार में सत्तारूढ जनता दल (युनाइटेड) के नेता भले ही पार्टी में सब कुछ ठीक बता रहे हों, लेकिन पार्टी में टकराव की आहट बारबार राजनीति की आबोहवा में सुनाई दे रही है। इसकी पुष्टि गुरुवार को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष के उस नए फरमान ने भी कर दी जिसमें उन्होंने सभी जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारियों समेत नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि मुख्यालय के नाम पर किसी की तरफ से अगर कोई दिशा निर्देश आता है तो उसे ना मानंे। दरअसल, पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने एक पत्र जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों को लिखा है, जिसमें कहा गया है कि प्रदेश मुख्यालय को जानकारी मिली है कि मुख्यालय के नाम पर जिलों और प्रखंडों में कुछ अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा फोन, मैसेज या मीडिया के माध्यम से निर्देश दिया जाता है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।

पत्र में आगे निर्देश दिया गया है कि किसी भी अनाधिकृति व्यक्तियों द्वारा किसी प्रकार की सूचना दी जाती है उसे नजरअंदाज करें। पत्र में यह भी कहा गया है कि ऐसी सूचना देने वाले व्यक्ति दल के अंदर गुटबाजी को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जबकि दल में कोई गुटबाजी नहीं है।

पत्र में सूचना देने वाले छह अधिकृत लोगों की सूची भी जारी की गई है।

उल्लेखनीय है कि यह पत्र केंद्रीय मंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष आर सी पी सिंह के उस ऐलान के बाद किया गया है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जन्मदिन एक मार्च के मौके पर वह प्रदेश भर में कार्यक्रम को आयोजित करने की बात कही थी। हालांकि पार्टी ने इन कार्यक्रमों से किनारा कर लिया था, फिर भी कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह और पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह के बीच टकराव की खबरें आती रही है। ललन सिंह ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ गठबंधन नहीं होने की स्थिति में इशारों ही इशारों में पूर्व अध्यक्ष पर ही अंधेरे में रखने का आरोप लगाया था।

वैसे, अब इस पत्र के जारी होने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी के कार्यकर्ता पूर्व अध्यक्ष का निर्देश मानते हैं या नहीं।


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