Top
Begin typing your search above and press return to search.

बिहार में 23 लाख से अधिक दिव्यांगजनों में बधिर सर्वाधिक, सबको सबल बना रही सरकार

बिहार में दिव्यांगजनों की कुल संख्या 23 लाख 31 हजार है, जिनमें श्रवण बाधित या बधिर 5 लाख 72 हजार और नेत्रहीन 5 लाख 49 हजार हैं

बिहार में 23 लाख से अधिक दिव्यांगजनों में बधिर सर्वाधिक, सबको सबल बना रही सरकार
X

पटना। बिहार में दिव्यांगजनों की कुल संख्या 23 लाख 31 हजार है, जिनमें श्रवण बाधित या बधिर 5 लाख 72 हजार और नेत्रहीन 5 लाख 49 हजार हैं। इनके बाद 3 लाख 69 हजार चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांगजन हैं। 1 लाख 70 हजार वाणी संबंधी अक्षम, 89 हजार मानसिक मंद, 37 हजार मानसिक तौर पर बीमार और अन्य तरह के दिव्यांगजनों की संख्या 5 लाख 40 हजार से अधिक है। ये आंकड़े 2011 की जनगणना पर आधारित हैं। इसमें करीब 11 लाख दिव्यांगजनों को राज्य सरकार की तरफ से पेंशन दी जा रही है।

केंद्र सरकार ने 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम लागू किया, जिसमें दिव्यांगता की श्रेणियां 7 से बढ़ाकर 21 कर दी गई हैं। यानी 21 विभिन्न तरह की शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षमता से पीड़ित लोग दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किए गए हैं।

2 अप्रैल 2018 को समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय का गठन किया गया। इसके माध्यम से दिव्यांगजनों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें उनकी जरूरत के मुताबिक मुफ्त सहायक उपकरण, आधुनिक कृत्रिम अंग, बैटरी चालित ट्राइसाइकिल, सुनने वाले उपकरण, खास किस्म के चश्मे जैसे अन्य उपकरण शामिल हैं। इनकी मदद से दिव्यांगों का जीवन सरल हो सकेगा।

इसके अलावा प्रशिक्षण, पुनर्वास, छात्रवृत्ति, और थेरेपी जैसी विशेष योजनाएं भी चलाई जाती हैं। इनके लिए विशेष विद्यालय खोलने की कवायद भी शुरू की गई है। सरकारी भवनों एवं परिवहन में इन्हें सहायता प्रदान करने वाली सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण जैसी अन्य कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, जिनका बड़ी संख्या में दिव्यांगजन लाभ उठा रहे हैं।

राज्य सरकार की तरफ से संचालित मुख्यमंत्री दिव्यांजन सशक्तिकरण छत्र योजना वित्तीय वर्ष 2017-18 में शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों का सर्वांगीण विकास करना है। यह राज्य सरकार की दिव्यांगजनों से जुड़ी तमाम कल्याणकारी योजनाओं को एक स्थान पर लाकर दिव्यांगों को लाभ पहुंचाना है।

बिहार समाज कल्याण विभाग की सचिव वंदना प्रेयषी ने कहा कि समाज कल्याण विभाग दिव्यांगजनों के लिए निरंतर क्रियाशील है। इनके समावेशी विकास के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। सभी दिव्यांगों तक इनसे जुड़ी तमाम लाभकारी योजनाएं सुगमता से पहुंचे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है और इसे लेकर कार्य किए जा रहे हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it