अश्विनी चौबे ने एलएन मिश्र हत्याकांड को एक संगठित साजिश बताया, राहुल गांधी को भी दिखाया आईना
बिहार के मधुबनी में पूर्व केंद्रीय मंत्री ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड को लेकर भाजपा नेता अश्विनी चौबे ने बड़ा बयान दिया और औरंगाबाद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया दी

मधुबनी। बिहार के मधुबनी में पूर्व केंद्रीय मंत्री ललित नारायण मिश्रा हत्याकांड को लेकर भाजपा नेता अश्विनी चौबे ने बड़ा बयान दिया और औरंगाबाद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या को एक संगठित साजिश बताया।
उन्होंने कहा कि 2 जनवरी 1975 को समस्तीपुर में रेलवे लाइन के उद्घाटन के दौरान मंच पर हमला किया गया था, जिसमें मिश्रा की गंभीर चोटों के बाद मौत हो गई थी।
चौबे ने कहा, "ललित नारायण मिश्रा उस समय कैबिनेट मंत्री थे। उनके ऊपर मंच पर हमला हुआ और यह हमला तीन लोगों की साजिश का नतीजा था। वहां मौजूद कई लोग घायल हुए थे, जिनमें मिश्रा के भाई जगन नारायण मिश्रा भी शामिल थे।"
उन्होंने बताया कि घायल अवस्था में मिश्रा को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और फिर दानापुर रेलवे अस्पताल स्थानांतरित किया गया, जहां उनकी स्थिति लगातार नाजुक बनी रही। चौबे ने कहा कि इस मामले की सच्चाई सामने लाने की जरूरत अभी भी बनी हुई है।
दूसरी ओर, उन्होंने सेना पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर तंज कसते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति से लेकर भारत के प्रधानमंत्री तक एससी और ओबीसी कोटे से हैं।"
अश्विनी कुमार चौबे ने आगे कहा कि अंबेडकर को राज्यसभा और लोकसभा जिस खानदान ने नहीं पहुंचने दिया, वह आज संविधान की नकली कॉपी लेकर घूम रहा है।
बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि देश की सेना, कॉर्पोरेट सेक्टर और नौकरशाही पर नियंत्रण देश की सिर्फ 10 प्रतिशत आबादी के हाथों में है।
उन्होंने कहा था, "देश की 90 प्रतिशत आबादी (पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी और अन्य अल्पसंख्यक) कहीं दिखाई नहीं देते। सभी अवसर सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों के पास हैं।"
राहुल गांधी ने इसे सामाजिक न्याय का मुद्दा बताते हुए कहा था कि देश में राष्ट्रीय जाति जनगणना जरूरी है ताकि पता चले कि विभिन्न वर्गों की वास्तविक हिस्सेदारी कितनी है। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा तभी संभव है जब 90 प्रतिशत आबादी को समान भागीदारी मिले।
राहुल गांधी ने कहा था, "हमें डेटा चाहिए। कितने दलित, ओबीसी, महिलाएं और अल्पसंख्यक प्रणाली में शामिल हैं? अगर 90 प्रतिशत लोगों के पास अधिकार नहीं होंगे तो संविधान सुरक्षित नहीं रह सकता।"


