कैसे लग गई नीतीश की नैया पार ?, एनडीए की जीत की 5 वजह
क्या है एनडीए की जीत का राज, कैसे किया नीतीश और मोदी ने कमाल...इन सवालों का जवाब .बिहार की सियासत को समझ पाना बेहद मुश्किल होता है

बिहार में एनडीए के नेता आज नाच रहे हैं, खुशियां मना रहे हैं. क्योंकि चुनावी नतीजों में एनडीए आगे बढ़ता नजर आ रहा है. जबकि महागठबंधन नीचे खिसका है. इन बदले आंकड़ों के बाद सवाल उठता है कि आखिर कैसे एनडीए पहुंचा सत्ता के पास, क्या है एनडीए की जीत का राज, कैसे किया नीतीश और मोदी ने कमाल...इन सवालों का जवाब .बिहार की सियासत को समझ पाना बेहद मुश्किल होता है...क्योंकि अक्सर यहां वो होता है, जो सोचा नहीं जाता...इस बार के बिहार चुनाव के नतीजे भी अनुमान से बिल्कुल उलट आए हैं...कल तक कहा जा रहा था कि अबकी बार बिहार में आएगी महागठबंधन की बहार..लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि अबकी बार भी लग गई नीतीश की नैया पार...एनडीए चुनाव में बहुमत के आंकड़े को पार करता नजर आ रहा है...इसके पीछे 5 बड़ी वजहें हैं. जिसने एनडीए को फिर से सत्ता के करीब पहुंचाया है.
1. बिहार में पिछले 20 सालों से एक दूसरे से दोस्ती निभाते आ रहे नीतीश और बीजेपी की जोड़ी ने इस बार के बिहार चुनाव में भी कमाल कर दिया है. इस मजबूत दोस्ती की वजह से ही एनडीए को फिर से बिहार में राज करने का मौका मिला है.
2. बीजेपी और जेडीयू ने सीटों के बंटवारे में जो तालमेल बैठाया, उसने एनडीए को सत्ता तक पहुंचा दिया है. जेडीयू ने इस बार 122 सीटों पर ताल ठोकी थी, जबकि बीजेपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. दोनों दलों की जुगलबंदी से आज की जीत का ताज मिला है.
3.बिहार चुनाव में एनडीए की जिस रणनीति ने सबसे ज्यादा काम किया है, वो है बागियों को अपना बनाना...महागठबंधन से जैसे ही हम, आरएसएलपी और वीआईपी ने नाता तोड़ा, वैसे ही एनडीए ने उनके लिए अपना दरवाजा खोल दिया...और तीनों दलों को अपना साथी बना लिया...इन जुड़ती कड़ियों की वजह से ही आज एनडीए जीत के मुकाम पर पहुंचा है.
4. इस चुनाव में जेडीयू और बीजेपी के वादों ने भी कमाल किया है. गरीबों में मुफ्त में खाना, मुफ्त में वैक्सीन का दावा जो बीजेपी ने किया, उस पर जनता ने भरोसा जता दिया. रोजगार का दांव भी तेजस्वी के वादे के आगे भारी पड़ गया और जीतता हुआ महागठबंधन अंत में हार गया
5. चेहरे को लेकर चिकचिक का ना होना भी बिहार में एनडीए की जीत की वजह बना है. जेडीयू और बीजेपी ने शुरुआत से ही नीतीश के चेहरे को आगे किया है. एक फेस की वजह से ही एनडीए चुनाव में ताल ठोक पाया है.
इन पांच वजहों से एनडीए की झोली में जीत आई है...सत्तारूढ़ दल अपनी साख बचाने में कामयाब हुआ है. जबकि महागठबंधन पिछड़ता नजर आया है...अब साफ हो गया कि जब तक नीतीश और मोदी का बना रहेगा साथ, तब तक सत्ता रहेगी एनडीए के हाथ...


