बिहार: 'भारत बंद' के दौरान केंद्रीय मंत्री से की बदसलूकी
आरक्षण विरोधियों द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए एक दिनी भारत बंद के आह्वान का मंगलवार को बिहार में भी मिला-जुला असर देखा गया।

पटना। आरक्षण विरोधियों द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए एक दिनी भारत बंद के आह्वान का मंगलवार को बिहार में भी मिला-जुला असर देखा गया। कुछ क्षेत्रों में बंद समर्थकों ने सड़क जाम कर दिया, जिसका आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया। एक केंद्रीय मंत्री के साथ बदसलूकी भी की गई।
भोजपुर जिले में दो गुटों में झड़प हुई और हाजीपुर में बंद समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के काफिले को रोक दिया। बंद के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
जातिगत आरक्षण का विरोध और आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग को लेकर बुलाए गए भारत बंद का असर बिहार के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिल रहा है। बिहार में इस बंद का कोई संगठन या नेता अगुवाई नहीं कर रहा है।
Bihar: Protesters protesting in Gaya's Manpur against caste-based reservations pelted stones after a clash with the police, several detained. pic.twitter.com/cIlmYZ1G8w
— ANI (@ANI) April 10, 2018
कई क्षेत्रों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़क पर उतर गए। आरा में बंद समर्थकों ने सड़क और रेल मार्ग जाम कर प्रदर्शन किया। आरा शहर के बस स्टैंड के पास बंद सर्मथकों और बंद विरोधियों के बीच जमकर पथराव हुआ। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल स्थिति सामान्य है। इस मामले में 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
भोजपुर में आरा-बक्सर मुख्य मार्ग पर बंद समर्थकों ने जमकर बवाल काटा तो आरा स्टेशन पर पटना-बक्सर पैसेंजर ट्रेन को रोका गया।
गया के मानपुर में बंद समर्थकों की पुलिस से झड़प हुई। बिहार के ज्यादातर जिलों में बंद का मिला-जुला असर ही देखने को मिला। रोहतास में भी बाजार बंद रहा और बस सेवा बाधित रही।
इधर, वैशाली जिले में हाजीपुर-महुआ रोड पर सुभई गांव के समीप केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के काफिले को रोककर बंद समर्थकों ने मंत्री के साथ बदसलूकी की। कुशवहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोतिहारी में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे।
इसके अलावा दरभंगा, जहानाबाद, बेगूसराय में भी बंद समर्थक सड़क पर उतरे और सड़कों पर टायर जलाकर आवाजाही रोकी। सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर टोल प्लाजा के पास भी बंद समर्थक सड़क पर उतरे और जाम लगाया।
पटना के भी कई क्षेत्रों में मार्ग जाम किया गया। बंद समर्थकों का कहना है कि सभी जातीय समूहों में निर्धनों की संख्या है। ऐसे में आरक्षण आर्थिक आधार पर लागू किया जाना चाहिए। इस बीच बंद को देखते हुए राजधानी पटना के अधिकांश निजी स्कूलों को बंद रखा गया।
बंद को लेकर राज्य के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। कई स्थानों पर पुलिकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।


