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बिहार: टाडाबंदियों की रिहाई की मांग को लेकर भाकपा-माले का धरना, कैदियों के परिजन भी पहुंचे

टाडाबंदियों की रिहाई को लेकर अब सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल भाकपा-माले भी सरकार पर दाबाव बढ़ा रही है

बिहार: टाडाबंदियों की रिहाई की मांग को लेकर भाकपा-माले का धरना, कैदियों के परिजन भी पहुंचे
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पटना। टाडाबंदियों की रिहाई को लेकर अब सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल भाकपा-माले भी सरकार पर दाबाव बढ़ा रही है। टाडाबंदियों की रिहाई की मांग को लेकर शुक्रवार को भाकपा-माले के नेता और कार्यकर्ता एकदिवसीय धरने पर बैठे। इस धरना कार्यक्रम में बंदियों के परिजन भी शामिल हुए।

वीरचंद पटेल स्थित विधायक आवास के परिसर में भाकपा-माले द्वारा आहूत एक दिवसीय धरना कार्यक्रम में शामिल लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि आखिर उनके साथ अन्याय क्यों किया गया। लोगांे का कहना है कि 14 साल सजा की अवधि काट चुके लोगों को तो छोड़ दिया गया, लेकिन 22 साल से जेल में बंद टाडाबंदियों को रिहा नहीं किया जाना हमारे साथ अन्याय है।

धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि बिहार सरकार ने हाल ही में 14 वर्ष से अधिक की सजा काट चुके 27 कैदियों की रिहाई का आदेश जारी किया, लेकिन यह रिहाई चुनिंदा लोगों की हुई है।

उन्होंने कहा कि 14 साल वाले को रिहा किया जा रहा है लेकिन 22 साल वालों को नहीं, यह कहीं से न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी टाडाबंदी दलित, अतिपिछड़े समुदाय के गरीब लोग हैं, सरकार उनकी रिहाई की गारंटी करे।

अरवल के विधायक महानंद सिह ने कहा कि हमारी पार्टी ने भदासी कांड के टाडाबंदियों की रिहाई के सवाल पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री से दो-दो बार मुलाकात की थी, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला।

टाडाबंदी जगदीश यादव की पत्नी पुष्पा देवी ने धरना कार्यक्रम को संबोधित किया।

टाडाबंदी अरविंद चौधरी की पत्नी फूलना देवी, महंगू चौधरी की बहू कोसमी देवी, बालेश्वर चौधरी की पत्नी रामरति देवी सहित कई लोग धरना कार्यक्रम में शामिल हुए।

टाडाबंदियों के परिजनों ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि उनके साथ न्याय किया जाए।


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