बिहार: भाजपा से छिन सकता है बिहार विधानसभा अध्यक्ष, विप सभापति का पद
बिहार में सरकार परिवर्तन के बाद जहां विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ सत्ता पक्ष अविश्वास प्राप्त का नोटिस दे रखा है

पटना। बिहार में सरकार परिवर्तन के बाद जहां विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ सत्ता पक्ष अविश्वास प्राप्त का नोटिस दे रखा है, वहीं विधान परिषद के सभापति के पद से भी भाजपा को हाथ धोना पड़ सकता है।
जदयू के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ जाकर सरकार बनाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पर राजद ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
माना भी जाता है कि विधानसभा अध्यक्ष राजद को मिलना तय है। ऐसे में अगर विधानसभा अध्यक्ष राजद के पास जाता है तो विधान परिषद सभापति का पद जदयू के कोटे में जाना तय है। फिलहाल अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हैं। सिंह को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है, लेकिन सरकार परिवर्तन के बाद भाजपा के हाथ से यह पद जाना तय हो गया है।
उल्लेखनीय है कि संख्याबल के हिसाब से विधान परिषद में जदयू सबसे बड़ा दल है। विधानसभा में भी अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का जाना तय माना जाता है। विधानसभा में संख्याबल के ²ष्टिकोण से भाजपा दूसरा सबसे बडा दल है।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में राजद के अवध बिहारी चौधरी के नाम की चर्चा है बल्कि परिषद के सभापति के तौर पर जदयू के गुलाम गौस की चर्चा है।
उल्लेखनीय है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजग की ओर से जदयू और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाई थी। लेकिन तीन दिन पूर्व नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने पलटी मारते हुए महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली, जिससे बिहार में सियासी समीकरण बदल गया है।


