बिहार : अग्निपथ के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद एनडीए में मचा घमासान
बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर जिस तरह विरोध के नाम पर उत्पात मचाया गया

पटना। बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर जिस तरह विरोध के नाम पर उत्पात मचाया गया, उससे प्रशासन पर तो सवाल उठे ही, सरकार में शामिल राजनीतिक दलों में भी घमासान मच गया। सत्तारूढ़ एनडीए में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां प्रशासन पर सवाल उठाए, वहीं जनता दल-युनाइटेड ने योजना में खामी बताते हुए इसे युवाओं का गुस्सा तक बता दिया।
इसमें कोई शक नहीं कि अग्निपथ के विरोध में प्रदर्शनकारियों के निशाने पर रेलवे और भाजपा के नेता और भाजपा का कार्यालय रहा है। बिहार के कई जिले में स्थित भाजपा कार्यालय को निशाना बनाया गया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के बेतिया स्थित आवास पर भी तोड़फोड़ की गई। इसके बाद डॉ. जायसवाल ने सीधे पुलिस प्रशासन को ही घेरे में ले लिया। उन्होंने तो यह तक कह दिया कि जो देश में कहीं नहीं हुआ, वह बिहार में हुआ। उन्होंने सीधे तौर पर प्रदेश सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पुलिस के सामने उपद्रवियों ने उत्पात मचाया।
उन्होंने कहा कि प्रशासन के इशारे पर लोगों को निशाना बनाया गया और भाजपा कार्यालयों को आग लगाने पर पुलिस मूकदर्शक बनी रही, यह नाकाबिले बर्दाश्त है।
कानून व्यवस्था पर जब सहयोगी ने जदयू को आइना दिखाया तो जदयू तिलमिला गई। भाजपा नेता तो इन घटनाओं को एक साजिश बताते हुए कहा कि घटनाओं पर लगाम लगाना चाहिए। यह किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा।
जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने भी मोर्चा संभालते हुए केंद्र सरकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि जो योजना लाई गई है, उससे युवाओं में काफी गुस्सा है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार जहां है, वहां भी विरोध हुआ है।
इधर, भाजपा कोटे के मंत्री नीरज सिंह 'बबलू' ने कहा कि अगर कुछ लोगों ने किसी न किसी बहाने एनडीए से बाहर जाने का मन बना लिया है, तो वे आगे बढ़ सकते हैं। मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि गठबंधन में बने रहने के लिए उनके पैर छूकर उन्हें कोई नहीं रोक रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के नेताओं पर हमले की घटनाओं में पुलिस की निष्क्रियता से जुड़े कुछ प्लाइंट्स उठाए तो क्या गलत था?
इधर, एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने समन्वय समिति बनाने की मांग रखी है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि समन्वय समिति बनाया जाना चाहिए।
बहरहाल, सत्ताधारी गठबंधन में शामिल सभी दल अग्निपथ के मामले में अपनी डफली, अपना राग अलाप रहे हैं, ऐसे में देखना होगा कि कौन दल क्या बड़ा कदम उठाती है।


