निजि व सरकारी अस्पताल में बड़ा बुनियादी अंतर : संजय
मैक्स अस्पताल मामले पर दो डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है, ना कि इसके लिए हर डॉक्टर दोषी है

नोएडा। मैक्स अस्पताल मामले पर दो डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है, ना कि इसके लिए हर डॉक्टर दोषी है। इसके विरोध में दिल्ली के डॉक्टर हड़ताल पर नहीं जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार इंडियन मेडिकल असोसिएशन की दिल्ली इकाई समेत डॉक्टरों से बातचीत कर रही है। यह बात सोमवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उप्र प्रभारी संजय सिंह ने सेक्टर-62 में हुई पत्रकार वार्ता में कही।
मैक्स अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया लेकिन इसी तरह की अगर घटना किसी बड़े सरकारी अस्पताल में होती, तो क्या दिल्ली सरकार उसका भी लाइसेंस निरस्त करती? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी अस्पताल में बड़ा बुनियादी अंतर है।
निजी अस्पताल गरीबों का इलाज करना नहीं चाहते हैं। वहीं, सरकारी अस्पताल में गरीब ही पहुंचते हैं। ऐसे में मैक्स अस्पताल की घटना की अन्य किसी सरकारी अस्पताल से तुलना बेमानी है। कमाई की होड़ में बाजार में बिकने वाली दवा व नामी निजी अस्पतालों में उसी दवा की एमआरपी में अंतर के बड़े घोटाले का पर्दाफाश भी दिल्ली सरकार करने जा रही है। कानून-व्यवस्था को लेकर उप्र की योगी सरकार को अखिलेश की सपा सरकार का भाग-2 बताया।
जहां पहले अखिलेश के लोग गुंडागर्दी करते थे, वहां पर योगी के लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं। संजय सिंह ने कुमार विश्वास को लेकर पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। संजय सिंह सेक्टर-62 के सम्राट पृथ्वीराज चौहान भवन में आप की जोन समीक्षा बैठक में मौजूद थे। आप ने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सेवाओं पर अनूठे काम किए हैं।
निजी अस्पतालों के मुनाफाखोरी पर लगाम लगाई है। एक निजी नामी अस्पताल पर डेंगू के नाम पर अतिरिक्त बैड लगाकर मुनाफाखोरी की शिकायतों की जांच में सही पाई गई।


