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मप्र कांग्रेस की गुटबाजी मिटाना दिग्विजय के लिए बड़ी चुनौती

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समन्वय बनाने के लिए बनाई गई समिति की एकता यात्रा गुरुवार से शुरू हो रही है

मप्र कांग्रेस की गुटबाजी मिटाना दिग्विजय के लिए बड़ी चुनौती
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ओरछा (मप्र)। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समन्वय बनाने के लिए बनाई गई समिति की एकता यात्रा गुरुवार से शुरू हो रही है। समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह और समिति के सदस्यों के लिए एकता कायम कर पाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। समन्वय समिति के सदस्य विनय दुबे की ओर से जारी बयान के अनुसार, दिग्विजय सिंह नौ बजे रामराजा मंदिर में पूजा कर एकता यात्रा की शुरुआत करेंगे। सड़क मार्ग से टीकमगढ़ पहुंचकर पार्टी नेताओं से चर्चा करेंगे और रात में कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ सहभोज भी करेंगे।

समन्वय समिति के सदस्य महेश जोशी, रामेश्वर नीखरा, मुजीब कुरैशी, सत्यव्रत चतुर्वेदी, बिसाहूलाल सिंह, विनय दुबे, राजेन्द्रसिंह गौतम, हरिसिंह नरवरिया, महेन्द्र जोशी, सोहन वाल्मीकि, विभा पटेल और सुनील सूद हैं।

दुबे ने जो विज्ञप्ति जारी की है, उसमें साफ कहा गया है कि कार्यकर्ता राष्ट्रीय नेता और कांग्रेस पार्टी के ही नारे लगाएं, झंडे पर अपना नाम न लिखें, उम्मीदवारी का बायोडाटा न दें। बैनर में सिर्फ राष्ट्रीय नेताओं की तस्वीर का उपयोग करें। साथ ही यात्रा के दौरान फूल माला और गुलदस्ता भेंट न करें।

राजनीति के जानकारों के अनुसार, दिग्विजय के लिए समन्वय बनाना आसान नहीं है, चुनौती भरा काम है, क्योंकि सोशल मीडिया पर जो पोस्टर वायरल हो रहे हैं अथवा चस्पा किए जाने की तैयारी है, उसमें सिर्फ दिग्विजय सिंह की तस्वीर है। कई पोस्टर में तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक की तस्वीर नहीं है।

कांग्रेस के कार्यकर्ता ही यह मानकर चल रहे हैं कि यह समन्वय समिति की बैठक या एकता यात्रा नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह का स्वयं और उनके समर्थकों का शक्ति प्रदर्शन से कम नहीं है। यह बात दुबे की विज्ञप्ति से ही जाहिर होती है, क्योंकि उन्होंने विज्ञप्ति में इशारों-इशारों में यात्रा का स्वागत होने का जिक्र किया है।


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