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बाइडन ने पेंसिल्वेनिया में बनाई बढ़त

 व्हाइट हाउस की दौड़ के लिए महत्वपूर्ण पेंसिल्वेनिया राज्य में नौ बजे (ईएसटी) जो बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ दिया है

बाइडन ने पेंसिल्वेनिया में बनाई बढ़त
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न्यूयॉर्क। व्हाइट हाउस की दौड़ के लिए महत्वपूर्ण पेंसिल्वेनिया राज्य में नौ बजे (ईएसटी) जो बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ दिया है। बाइडन अब 5,587 मतों से आगे हैं और मतपत्र अभी भी गिने जा रहे हैं। अगर बाइडन पेंसिल्वेनिया जीत जाते हैं तो उनके लिए व्हाइट हाउस का रास्ता साफ हो जाएगा और वह राष्ट्रपति चुनाव जीत जाएंगे। वहीं ट्रंप को चुनावी दौड़ में बने रहने के किसी भी हाल में इस राज्य को जीतना ही होगा। राज्य में विजेता को 20 इलेक्टोरल वोट प्राप्त होंगे।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। हालांकि शुक्रवार, छह नवंबर को भी यह फैसला नहीं हो सका है कि व्हाइट हाउस की दौड़ में रिपब्लिकन उम्मीदवार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बाजी मार पाएंगे या डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन राष्ट्रपति बनेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति का ताज अब पेंसिल्वेनिया राज्य पर काफी हद तक निर्भर कर रहा है और यहां पर बाइडन और उपराष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक कमला हैरिस के पक्ष में अधिक रुझान देखने को मिल रहा है।

राज्य के सबसे बड़े शहर फिलाडेल्फिया पर काफी कुछ निर्भर करता है। फिलाडेल्फिया में बाइडन बड़ी जीत हासिल कर रहे हैं। अकेले इस शहर में लगभग 54,000 मेल मतपत्र हैं, जिनकी शुक्रवार को लगभग आठ बजे (ईएसटी) गिनती जारी है।

राज्य से जो भी परिणाम आने वाले हैं, वे गेम चेंजर साबित होने वाले हैं।

पेंसिल्वेनिया में मेल-इन बैलट की गिनती अभी भी बाकी है और ऐसी उम्मीद है कि इनमें से 75 फीसदी वोट बाइडन हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में यह देखने को मिला है कि डेमोक्रेटिक मतदाताओं ने मेल वोट का खूब उपयोग किया है। शुक्रवार को सामने आए आंकड़ों से भी यह साबित हो रहा है।

पेंसिल्वेनिया में मतदान के लिए सिर्फ दो तरीके थे: मेल या व्यक्तिगत रूप से। यहां लोगों ने मेल वोट को अधिक महत्व दिया है। इनकी गिनती से पता चला है कि अधिकतर वोट बाइडन के पक्ष में गए हैं और उन्होंने ट्रंप के मुकाबले अपनी स्थिति को काफी मजबूत कर लिया है।

अब लगभग 160,000 वोटों का इंतजार है। फिलहाल, कुल मिलाकर अनिश्चितता की स्थिति है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका के चुनावी परिणाम का सिर्फ अमेरिका के लोगों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को इंतजार है।


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