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भूपेश बघेल ने जाति जनगणना, डीएपी संकट और बेंगलुरु हादसे पर भाजपा को घेरा, संबित पात्रा को 'मानसिक रूप से पैदल' बताया

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर जुबानी हमला बोला

भूपेश बघेल ने जाति जनगणना, डीएपी संकट और बेंगलुरु हादसे पर भाजपा को घेरा, संबित पात्रा को मानसिक रूप से पैदल बताया
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर जुबानी हमला बोला। राजधानी रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने जाति जनगणना, परिसीमन, डीएपी संकट, तबादला नीति, बेंगलुरु हादसे समेत कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।

जाति जनगणना के मसले पर भूपेश बघेल ने कहा कि इस पर तभी विश्वास किया जाना चाहिए जब इसकी वास्तविक शुरुआत हो। जनगणना के तुरंत बाद न तो रिपोर्ट आएगी और न ही एक झटके में परिसीमन हो सकेगा। पहले केंद्र सरकार को परिसीमन आयोग बनाना होगा, फिर राज्यों के साथ बैठकें होंगी, उसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। 2026 से जनगणना और परिसीमन की बात की जा रही है, लेकिन अगर जनगणना में देरी हुई तो परिसीमन भी खटाई में पड़ जाएगा।

जनगणना के प्रोफार्मा को लेकर भूपेश बघेल ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केवल जाति का कॉलम भरने से कोई सार्थक परिणाम नहीं आएगा। इसके लिए जरूरी है कि शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं पर भी सर्वे हो ताकि व्यक्ति, परिवार और जाति विशेष को इसका वास्तविक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जनगणना पर विपक्षी नेताओं से भी रायशुमारी होनी चाहिए।

तबादला नीति को लेकर भी उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ शिक्षा विभाग के तबादलों को ही सही ढंग से नहीं संभाल पा रही है। सारा सरकारी अमला इस काम में लगा है, फिर भी दफ्तरों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। युक्तिकरण के नाम पर एक बार ट्रांसफर कर दिया जाता है और फिर विभाग दोबारा तबादला रद्द कर देता है। पहले भी ऐसा हुआ है कि ट्रांसफर आदेश जारी होते हैं और फिर उन्हें निरस्त कर दिया जाता है।

राज्य में डीएपी की कमी को लेकर भी बघेल ने राज्य और केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि किसानों को आज भी एमएसपी नहीं मिल रही है। आंधी-तूफान से फसल को भारी नुकसान हुआ, लेकिन सरकार ने अब तक मुआवजा तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अब सरकार रूस-यूक्रेन युद्ध का हवाला दे रही है, जबकि यह युद्ध तो उनके कार्यकाल में भी था, लेकिन तब किसानों को पर्याप्त डीएपी मिल रहा था।

कर्नाटक के बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए हादसे पर केंद्र सरकार से सवाल पूछने पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की प्रतिक्रिया पर बघेल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि संबित पात्रा "मानसिक रूप से पैदल" हैं। जब दिल्ली में रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हुई थी, तब क्या उन्होंने रेल मंत्री से इस्तीफा मांगा था? जब पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई, तब क्या उन्होंने गृह मंत्री से इस्तीफा मांगा? बेंगलुरु में जो घटना हुई वह बेहद दुखद है, हम मृतकों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। इस घटना की न्यायिक जांच की घोषणा हो चुकी है।

भूपेश बघेल ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि उस घटना की जांच कहां तक पहुंची? सुरक्षा में चूक क्यों हुई? मेडिकल सपोर्ट समय पर क्यों नहीं मिला? उन्होंने सवाल उठाया कि पहलगाम में एनएसजी, पैरामिलिट्री और पुलिस फोर्स की बजाय गृह मंत्री को क्यों भेजा गया? उन्होंने कहा कि संबित पात्रा पहले इन सवालों का जवाब दें और यह भी बताएं कि इन घटनाओं की जांच रिपोर्ट कब आएगी।


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