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भूपेश बघेल ने विद्युत नियामक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष हेमन्त वर्मा को दिलाई शपथ

भूपेश बघेल ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष हेमन्त वर्मा को पद और गोपनीयता तथा संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई

भूपेश बघेल ने विद्युत नियामक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष हेमन्त वर्मा को दिलाई शपथ
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष हेमन्त वर्मा को पद और गोपनीयता तथा संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। हेमन्त वर्मा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के पांचवे अध्यक्ष बनें।

विशेष सचिव ऊर्जा और छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनियों के अध्यक्ष अंकित आनंद, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड की एम.डी.श्रीमती उज्जवला बघेल, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एम.डी.श्री हर्ष गौतम, छत्तीसगढ़ राज्य पावर ट्रांसमिशन कंपनी के एम.डी. एस.डी. तेलंग, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड के एम.डी. एन.के. बिजौरा, छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग के सदस्य विनोद देशमुख, पी.के. देशमुख, प्रमोद गुप्ता, सचिव एम.एस. रत्नम, डायरेक्टर छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग एस.पी. शुक्ला, नोडल अधिकारी मनोज वर्मा इस अवसर पर उपस्थित थे।

गौरतलब है कि मूलत: छत्तीसगढ़ के निवासी वर्मा की सम्पूर्ण शिक्षा भिलाई एवं रायपुर हुई है। वर्मा ने एन.आई.टी रायपुर से 1985 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है और दिल्ली आई.आई.टी. से एनर्जी स्ट्डीस में स्नातकोत्तर डिग्री एवं फाइनेंस में एम.बी.ए. किया है। विगत 30 वर्षों से वे पॉवर सेक्टर में कार्यरत हैं। उन्हें शासकीय क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी कार्य करने का व्यापक अनुभव है। उनके आगामी पाँच वर्ष के अध्यक्ष का कार्यकाल छत्तीसगढ़ में पॉवर सेक्टर के विकास की दिशा के निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। छत्तीसगढ़ में कोयले आधारित विद्युत उत्पादन की क्षमता का अधिक से अधिक राज्य के हित में उपयोग के साथ-साथ आम उपभोक्ताओं को 24 घण्टे गुणवत्तापूर्ण बिजली किफायती दरों पर उपलब्ध कराने में उनके अनुभव का लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा। इसके अतिरिक्त राज्य की नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत तेजी से हो विकसित हो रहे उद्योगों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बनाये रखने के लिए उनका अनुभव राज्य के हित में महत्वपूर्ण होगा।


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