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बीएचयू में छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर लाठी चार्ज

पीएम नरेन्‍द्र मोदी कल अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशवासियों के साथ विचार साझा करेंगे। लेकिन इससे पहले ही बीएचयू में पुलिस ने छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर लाठी चार्ज किया

बीएचयू में छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर लाठी चार्ज
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नई दिल्ली/ लखनऊ। वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पुलिस ने छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर लाठी चार्ज किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीएचयू में देर रात करीब 11 बजे कुलपति निवास पर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस ने बीएचयू मेन गेट पर बैठी छात्राओं को बलपूर्वक हटाया।

कुलपति से मिलने जा रही थीं छात्राएं

कुलपति से मिलने छात्र उनके आवास पर जा रहे थे तभी सुरक्षा कर्मियों से उनकी झड़प हुई. पुलिस के इस बलप्रयोग में मीडियाकर्मी समेत कई घायल हो गए। एक छात्रा की हालत गंभीर बतायी जा रही है।

देर रात अधिकारियों ने की मीटिंग

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बीएचयू में छात्राओं के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन हरकत में आ गया। रात 3.30 बजे आईजी, कमिश्नर और डीएम ने बीएचयू के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी के साथ बैठक की।

हवाई फायरिंग की भी खबर

बताया जाता है बवाल तक शुरू हुआ जब पुलिस प्रशासन की टीम बीएचयू के मेनगेट पर प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं को हटाने पहुंची। छात्र-छात्राओं के विरोध करने पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।

खबर यह भी है कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए हवाई फायरिंग भी की।

कैंपस दो अक्टूबर तक बंद रहेगा

प्रदर्शन को देखते हुए बीएचयू कैंपस को 2 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला किया गया है। वहीं छात्राओं का कहना है कि प्रदर्शन जारी रहेगा। पूरे कैंपस को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस और पीएसी के करीब 1500 जवान कैंपस में तैनात किए गए हैं।

क्यों हो रहा है प्रदर्शन?

बनारस हिंदू विश्विद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ छेड़खानी हुई थी। छेड़खानी की घटनाओं के विरोध में बीएचयू की छात्राएं पिछले तीन दिन से प्रदर्शन कर रही हैं। प्रदर्शन कर रही छात्राएं कुलपति से आश्वासन की मांग कर रही हैं।

छात्राओं से बिना मिले लौटे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)की छात्राएं छेड़खानी के खिलाफ आंदोलनरत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्हें गंगा ने बनारस बुलाया था, लंबे समय के बाद वाराणसी पहुंचे थे लेकिन आंदोलनरत इन गंगापुत्रियों से बिना मिले भाषण झाड़कर लौटकर दिल्ली आ गए।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)- भाकपा (माले) ने बीएचयू की छात्राओं के आंदोलन का समर्थन किया है।

पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य रामजी राय ने एक बयान में कहा कि देश के प्रधानमंत्री के चुनाव क्षेत्र में छेड़खानी से परेशान छात्राएं दो दिन से विवि गेट पर धरना-प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन वाइस चांसलर उसे लगातार अनसुना कर रहे हैं। बल्कि पीड़ित छात्रा की शिकायत पर प्रोक्टोरियल बोर्ड के एक सदस्य का जवाब तो सदमा पहुंचाने वाला है। खुद प्रधानमंत्री भी शहर में मौजूद हैं, पर न्याय की गुहार लगा रही छात्राओं से मिलना तक उन्होंने जरूरी नहीं समझा।

कॉमरेड राय ने कहा कि यह हाल तब है, जब मोदीजी की सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा लगाती है। पर बीएचयू की घटना ने साफ कर दिया है कि यह नारा भी मोदी सरकार के अन्य नारों-वादों की तरह ही जुमला और खोखला है।

माले नेता ने कहा कि बेटियां अपनी लड़ाई खुद लड़ रही हैंऔर भाकपा (माले) उनकी मांगों का पूरी तरह से समर्थन करता है।


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