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'भलस्वा लैंडफिल हो तत्काल बंद'

राजधानी में कचरे के पहाड़ के नाम से मशहूर भलस्वा सैनेटरी लैंडफिल साईट (एसएलएफ) बंद करने की मांग को लेकर स्वराज इंडिया ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया

भलस्वा लैंडफिल हो तत्काल बंद
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नई दिल्ली। राजधानी में कचरे के पहाड़ के नाम से मशहूर भलस्वा सैनेटरी लैंडफिल साईट (एसएलएफ) बंद करने की मांग को लेकर स्वराज इंडिया ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भलस्वा और बादली गांव के स्थानीय निवासियों के साथ पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने साईट पर जाकर न सिर्फ एक मानव श्रृंखला बनाई। बल्कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम और स्थानीय सांसद पर समस्या का समाधान न करने के आरोप भी लगाए।

स्थानीय लोगों के मुताबिक इस लैंडफिल साईट को तत्काल बंद करने के लिए उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और महापौर को ज्ञापन सौंपकर मांग की जा चुकी है लेकिन अब तक इस पर कोई सार्थक कार्रवाई नहीं हुई है। स्वराज इंडिया के मुताबिक दिल्ली की भलस्वा एसएलएफ अधिकतम 22 मीटर ऊंचाई के साथ 2010 में ही बंद होनी थी लेकिन यहां लगातार कचरा डाला जा रहा है जिसके चलते इसकी ऊंचाई 50 मीटर से भी ज्यादा हो चुकी है जो कभी भी हादसे का सबब बन सकती है। उधर, प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए महासचिव नवनीत तिवारी ने कहा दिल्ली की एमसीडी ही यहां के पर्यावरण की अपराधी है। एक ओर दिल्ली में खुले में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध है तो वहीं भलस्वा लैंडफिल पर सरेआम 24 घंटे खुले में कूड़ा जलाया जाता है। दिल्ली एमसीडी के ऊपर यह आपराधिक मामला भी बन सकता है। आम जीवन के लिए खतरा बन चुके भलस्वा लैंडफिल साईट के कारण स्थानीय लोग आंदोलित हैं।

जब तक कि इस खत्ते को बंद नहीं किया जाता तब तक स्वराज इंडिया की मुहिम जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के पटाखों पर तो प्रतिबंध लगा दिया लेकिन कचरे से होने वाले प्रदूषण के विकराल रूप पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लैंडफिल के आसपास रह रहे 10 लाख लोगों को प्रदूषित वातावरण में रहने लिए मजबूर किया जा रहा है। जिसके चलते 80 प्रतिशत स्थानीय लोग श्वांस सम्बंधित बीमारियों के शिकार हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 5 अक्टूबर को क्षेत्र के सांसद ने स्थानीय लोगों से 12 अक्टूबर तक धरना स्थगित करने का अनुरोध किया था।

जिसके बाद लैंडफिल साईट पर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हुए स्वराज इंडिया कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। इस अवसर पर स्वराज इंडिया के बादली विधानसभा अध्यक्ष गजराज यादव, वार्ड अध्यक्ष हरेंद्र यादव और गोविंद शर्मा भी मौजूद थे। नवनीत तिवारी के मुताबिक भलस्वा लैंडफिल के आस पास श्रद्धानंद कॉलोनी, भलस्वा गांव, संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, समयपुर बादली गांव, जहांगीरपुरी जैसे रिहायशी इलाकों में रह रहे करीब दस लाख लोगों का जीवन खतरे में हैं।

इन इलाकों के तीन चौथाई लोग श्वास संबंधित बीमारियों से ग्रसित हैं। लैंडफिल साइट के नजदीज स्थित भलस्वा झील का पानी व इलाके का भूमिगत जल भी दूषित हो चुका है। उन्होंने बताया कि साल 1993 में स्थापित भलस्वा लैंडफिल साईट पर आज भी रोजाना 3 हज़ार टन कूड़ा डाला जाता है। कूड़े के इस पहाड़ की ऊंचाई हर दिन बढ़ती ही जा रही है। लगभग हर परिवार में बच्चे और बूढ़े प्रदूषण जनित बीमारियों से लगातार पीड़ित हो रहे है।


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