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रस्म अदायगी बना ग्रामोदय से भारत उदय अभियान , पंचायत भवनों पर लटके ताले

भोपाल ! राजधानी भोपाल से महज 40- 50 कि.मी. दूर रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज विकासखण्ड की कई ग्राम पंचायत भवनों में लटके ताले प्रदेश में ग्रामोदय से भारत उदय अभियान की मौजूदा हालात की गवाही दे रहे हैं

रस्म अदायगी बना ग्रामोदय से भारत उदय अभियान , पंचायत भवनों पर लटके ताले
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रायसेन जिले से लौटकर खिलावन चंद्राकर

हड़ताल के चलते रोजगार सहायकों के कंधे पर अभियान का भार
भोपाल ! राजधानी भोपाल से महज 40- 50 कि.मी. दूर रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज विकासखण्ड की कई ग्राम पंचायत भवनों में लटके ताले प्रदेश में ग्रामोदय से भारत उदय अभियान की मौजूदा हालात की गवाही दे रहे हैं, 14 अप्रैल से शुरू हुआ यह अहम अभियान 31 मई तक चलाया जाना है किन्तु सरपंच-सचिवों और मैदानी कर्मचारियों की हड़ताल व ग्रामीणों की अरूचि के कारण यह अभियान रस्म अदायगी ही अधिक साबित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रम के क्रियान्वयन में महती भूमिका निभाने वाले पंचायत प्रतिनिधियों तथा अमले की दूरी के चलते सरकार का यह महत्वाकांक्षी अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गर्मी और शादियों के चलते इस अभियान में ग्रामीणों की कम भागीदारी की खास वजह है, पिछली ग्राम सभा और ग्राम संसद में तय किए गए कई कामों का पूरा न होने की वजह से भी ग्रामीणों में असंतोष है। ऐसे में इन दिनों गांव-गांव पहुंच रहे कृषि क्रांति रथ भी किसानों को आकर्षित करने में असफल हैं। प्रचार-प्रसार के अभाव में कई ग्रामीणों को इस बात की जानकारी ही नहीं है, कि इस तरह का अभियान एक बार फिर शुरू किया गया है, हड़ताल से वापस लौटने के बाद भी ग्राम कोटवार-चौकीदार अभियान को लेकर गांव में कोई मुनादी नहीं कर रहे हैं, कई जगह बैठक का कोरम पूरा करने के लिए ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर का सहारा लिया जा रहा है। वैसे तो सरकार ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत, ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, सिंचाई, कृषि, विद्युत, पशु चिकित्सा,पी.एच.ई., स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, राजस्व आदि विभागों के मैदानी कर्मचारियों को अहम जिम्मेदारी दी है, किन्तु एकमात्र ग्राम रोजगार सहायक के कंधे पर इस अभियान का पूरा भार आ गया है, हड़ताल से वापस लौटे पटवारी और बिजली कर्मचारियों का अमला भी अभी पूरी तरह सक्रिय नहीं हुआ है, इससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि राजधानी के निकटवर्ती क्षेत्र में अभियान की यह तस्वीर सामने आई है तो दूरस्थ क्षेत्रों में हालात क्या होंगे? गुरुवार और शुक्रवार को जब इस संवाददाता ने रायसेन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया। तब इस अभियान को लेकर कई बातें सामने आईं। राष्ट्रीय राजमार्ग 12 में स्थित ग्राम पंचायत मुख्यालय नंदोरा में पंचायत भवन पर ताला लटका मिला। सरपंच पति रविशंकर से उनके निवास पर मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि ग्राम रोजगार सहायक सुरेश के जिम्मे ग्रामोदय अभियान चल रहा है, जानकारी लेने पर पता चला, कि वे ब्लॉक मुख्यालय औबेदुल्लागंज गए हुए हैं। सरपंच पति ने बताया कि पिछले साल 93 लोगों ने गरीबी रेखा में नाम जोडऩे के आवेदन दिए थे, किन्तु मात्र 30 लोगों का नाम जुड़वाया गया, जिसके चलते हितग्राही मूलक योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के इच्छुक लोगों में उदासीनता है, ग्रामसभा और ग्राम संसद के लिए लोगों के घर जाकर उन्हें लाना पड़ता है तब भी कोरम पूरा नहीं हो पाता, गांव की चौपाल में बैठे कुछ लोगों ने बताया कि गांव में पीने के पानी की गंभीर समस्या है, दो हैण्डपंप हैं किन्तु बंद पड़े हैं। नल- जल योजना तो है किन्तु ट्यूबवेल में मोटर फंसी होने के कारण पिछले ढाई माह से पेयजल की आपूर्ति ठप्प है। पंचायत भवन के पास ही पेड़ के नीचे खड़ी, एक बुजुर्ग महिला रत्तो बाई ने बताया कि उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है, शिकायत करने आई हूं लेकिन पंचायत भवन ही बंद है।
इसी राजमार्ग पर बिनेका के पंचायत भवन में भी सुबह से शासन तक ताला लटका रहा, बाहर दुकान पर दयाराम नायक और करतार सिंह ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें किसी अभियान के बारे में कोई जानकारी नहीं है एक अन्य युवक ने कहा कि कुछ दिन पहले ग्राम सभा अवश्य हुई थी जिसमें कुछ लोग गए थे, कोरम पूरा न होने पर ग्राम रोजगार सहायक ने दुकान में आकर कुछ लोगों से हस्ताक्षर करवा लिए, कुछ देर खोजने के बाद ग्राम रोजगार सहायक देवाराम नायक भी एक दुकान पर बैठे मिल गए, उन्होंने बताया कि सरपंच, सचिव हड़ताल पर हैं, कोई और अधिकारी- कर्मचारी आते नहीं, लेकिन अभियान चल रहा है, प्रधानमंत्री आवास के लिए 106, बीपीएल कार्ड के लिए 34, पट्टे के लिए 19 सहित कुल 251 हितग्राहियों के आवेदन मिले हैं, उन्हें संबंधित विभागों को भेजा जा रहा है। 31 मई को इसके निराकरण की जानकारी हितग्राहियों को दी जाएगी, बी.पी.एल. कार्ड बनाने के आवेदन ज्यादा आते हैं। गत वर्ष भी ग्रामोदय अभियान में ऐसे 220 आवेदन मिले थे जिसमें 52 परिवारों को नए कार्ड जारी किए गए, पुरानी सूची की जांच में कोई अपात्र नहीं मिले इसलिए सूची से नाम नहीं काटा गया, इसी पंचायत के ग्राम डुगलिया के गुलाब सिंह ने बताया कि गांव में बीते 17 दिन से बिजली नहीं है, ट्यूबवेल बंद होने के कारण पीने के पानी की किल्लत है दूसरे गांव से पानी लाना पड़ रहा है, शिकायत की है किन्तु कोई निराकरण नहीं हुआ, पंचायत भवन के पास ही रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी राम बहादुर यादव ने बताया, कि पंचायत भवन का ताला दिन भर बंद रहता और रात में खुल जाता है, जहां देर रात तक शराबखोरी होती है, उमरावगंज मार्ग पर जयराम पटेल से मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि अभियान की कोई जानकारी उसे नहीं है। गांव में मुनादी भी नहीं हुई है, वहीं एक गुमठी में बतिया रहे जयराम, गोविन्द और परसा ने पंचायत भवन का रास्ता दिखाते हुए बताया कि उनको भी ग्रामोदय अभियान की कोई सूचना नहीं है, यहां भी पंचायत भवन में ताला लगा हुआ था। लेकिन बाजू में बने आंगनबाड़ी भवन में ग्राम रोजगार सहायक अशोक साहू, कोटवार लालाराम और दो ग्रामीणों ने बताया कि शादी- विवाह के सीजन और भीषण गर्मी के कारण अभियान के प्रति ग्रामीणों में कोई रुचि नहीं है, ग्राम संसद भी हुई जिसमें बहुत प्रयास के बाद कुछ लोगों को इकट्ठा किया जा सका, हड़ताल में होने के कारण कई कर्मचारी अभियान में भाग नहीं ले रहे हैं, जोनल अधिकारी डी.के. गंगवाल आए थे जानकारी लेकर गए हैं, यहां प्रधानमंत्री आवास के 80, पेंशन प्रकरण के 6 और लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 2 आवेदन अभी तक मिले हैं, बीपीएल कार्ड के लिए कोई आवेदन नहीं आया है क्योंकि गत वर्ष लगभग 2 सौ हितग्राहियों ने आवेदन दिए थे मगर किसी भी परिवार का नाम गरीबी रेखा की सूची में शामिल नहीं हुआ। अभी पंचायत क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के लिए कोई नई कार्ययोजना नहीं बनाई गई है, क्योंकि गत वर्ष बनी कार्य योजना में लिये गए काम ही अधूरे पड़े हैं।
ग्राम तिलेंडी शाहाबाद में पंचायत भवन के सामने कृषि क्रांति रथ तो खड़ा था किन्तु रथ से ड्राइवर सहित कृषि विभाग के कर्मचारी नदारद मिले, पंचायत भवन में पंप ऑपरेटर हरगोविन्द बैठे थे, कुछ देर बाद नोडल अधिकारी डी.एस. यादव भी आए, उन्होंने बताया कि सरपंच-सचिव हड़ताल पर हैं, रोजगार सहायक लालाराम प्रजापति सीईओ मेडम के बुलावे पर मुख्यालय गए हुए हैं, 17-18 और 19 अप्रैल को ग्रामसभा रखी गई थी अभी तक योजनाओं में लाभ लेने के लिए 22 आवेदन ही मिले हैं।
ग्राम समनापुर- टीकरी के पंचायत भवन परिसर में भी सन्नाटा पसरा हुआ था, यहां भी ताला लगा हुआ था। काफी देर तक कोई भी उस परिसर में नजर नहीं आया, बाहर मुख्य सडक़ पर दुकानदार हुकुमचंद के साथ ही कुछ युवकों से मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि सरपंच सरजू बाई और सचिव इसरार खान हड़ताल पर हैं, ग्राम रोजगार सहायक पवन श्रीवास्तव एक दिन पहले ही आए थे और आवेदन ले रहे थे। ग्रामसभा, ग्राम संसद लगाने, कृषि क्रांतिरथ और स्वास्थ्य रथ गांव में आने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है, चिकलोद कला में भी पंचायत भवन परिसर सुनसान था, भवन के अंदर कम्प्यूटर डेटा आपरेटर और पीसीओ के सुब्रमणियम बैठे हुए थे, डेटा आपरेटर ने बताया कि रोजगार सहायक शिवदयाल कुशवाह ही प्रभारी सचिव और अभियान प्रभारी भी हैं, वे किसी काम से शहर गए हैं, पटवारी, कोटवार और दूसरे विभाग के अन्य मैदानी कर्मचारी नहीं आ रहे हैं, ग्राम संसद और ग्राम सभा हुई थी किन्तु 5 हजार की आबादी वाले गांव में बमुश्किल 40-45 लोग ही इकट्ठा हो पाए, बुधवार तक आवेदन लिए गए थे। कुल 55 आवेदन हितग्राही मूलक योजनाओं के लिए प्राप्त हुए हैं। गत वर्ष के ग्रामोदय से भारत उदय अभियान में 296 आवेदन आए थे जिसमें मात्र 34 को हितग्राहियों को लाभ मिल पाया। गांव में मुनादी कराई गई है इसके बावजूद ग्रामीण अभियान से नहीं जुड़ रहे हैं। लगभग यही तस्वीर आसपास की अन्य ग्राम पंचायतों में भी देखने को मिली।


इनका कहना है
अभियान चल रहा है। सरपंच- सचिवों के हड़ताल पर होने और ग्रामीणों की रुचि कम होने के कारण अपेक्षित गति नहीं मिल पा रही है, अभी तक 320 आवेदन प्राप्त हुए हैं, अभी विकास कार्यों की योजना नहीं बन सकी की है, ग्राम सभा और ग्राम संसद रखी गई थी, मैं जरूरी काम से समनापुर चला गया था, इसलिए पंचायत भवन में ताला लगा हुआ था।
पवन श्रीवास, रोजगार सहायक, टीकरी
अभियान की जानकारी अधिकांश ग्रामीणों को नहीं है, गांव में मुनादी नहीं हुई है। प्रचार- प्रसार के अभाव में इस महत्वाकांक्षी अभियान को गति नहीं मिल पा रही है, सरपंच- सचिव की हड़ताल से भी विपरीत असर दिखाई दे रहा है।
प्रेम नारायण पटेल, ग्रामीण, ग्राम थाना
जिले के सभी विकासखण्डों में निर्धारित कलेण्डर के अनुसार अलग- अलग तिथि दी गई हैं, जिसमें ग्रामसभा, ग्राम संसद आदि रखी जा रही है। कृषि क्रांति रथ सभी गांवों में पहुंचेगा और किसानों को जानकारी दी जाएगी, किसी पंचायत विशेष में अभियान पर काम नहीं हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।
भावना वालिम्बे- कलेक्टर रायसेन


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