कर्मचारियों को 7वें वेतनमान की सौगात
भोपाल ! वित्तमंत्री जयंत मलैया ने आज राज्य विधानसभा में वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया। इस लोक लुभावन बजट में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की झलक साफ दिखाई देती है।

भोपाल ! वित्तमंत्री जयंत मलैया ने आज राज्य विधानसभा में वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया। इस लोक लुभावन बजट में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की झलक साफ दिखाई देती है। वित्तमंत्री ने जहां प्रदेश के कर्मचारियों के लिए 7वां वेतनमान देने और गरीबों के लिए दीनदयाल रसोई योजना के तहत प्रदेश के 4 बड़े शहरों में 5 रुपए में भोजन देने की योजना लागू करने की घोषणा भी की है। इसके साथ ही नर्मदा के संरक्षण के लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए बड़ी धनराशि आवंटित की गई है। बजट की खास बात है कि किसी भी तरीके का नया कर नहीं लगाया गया है।
श्री मलैया ने 1 लाख 69 हजार 954 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट में 25 हजार 689 करोड़ के घाटे का अनुमान जताया गया है, बजट में सिंचाई क्षमता बढ़ाने, शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार के साथ सडक़ों का जाल बिछाने, गरीबों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की धनराशि में बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है। वित्तमंत्री श्री मलैया ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा और नर्मदा नदी को संवारने के लिए बजट की कमी नहीं होगी। इसके अलावा प्रदेश के चार बड़े शहरों में ‘दीनदयाल रसोई योजना’ लागू की जायेगी। योजना के तहत शहरी गरीबों को पांच रुपये में भोजन की थाली मिलेगी। इसके लिये अधोसंरचना निर्माण हेतु बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मलैया ने कहा, ‘‘प्रदेश में वर्ष 2004-05 से राजस्व आधिक्य की स्थिति है जो कि वर्ष 2017-18 में भी अनुमानित है। वर्ष 2017-18 के लिये राजकोषीय घाटे का अनुमान 25,688.97 करोड़ रुपये का है। यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 प्रतिशत अनुमानित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2017-18 के लिये कुल विनियोग राशि 1,85,564.27 करोड़ रुपये है तथा शुद्ध व्यय 1,69,954.46 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस प्रकार वर्ष 2017-18 में 4596.40 करोड़ रुपये का राजस्व अधिक्य अनुमानित है।’’ उन्होंने बताया, कि प्रदेश सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन की राशि 150 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये की है। समाज में विधवाओं की कमजोर स्थिति देखते हुये शासन ने सेवारत और पेंशन पाने वालों को छोडक़र सभी विधवाओं को पेंशन देने का निर्णय लिया है। इसके लिये बजट में 1,501 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में इन्दौर एवं भोपाल हवाई अड्डों में विमान ईंधन (एटीएफ) पर वैट की दर 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इससे इन स्थानों से हवाई यात्रा मंहगी हो जायेगी। ग्वालियर, जबलपुर और खजुराहो हवाई अड्डे पर एटीएफ की वैट दर यथावत 4 प्रतिशत रखी गई है जबकि क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के अन्य हवाई अड्डों पर एटीएफ पर वैट की दर 4 प्रतिशत से कम करते हुए एक प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इससे प्रदेश के अन्य स्थानों पर हवाई सेवा को बढ़ावा मिल सकेगा। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिये वित्तमंत्री ने सबसे अधिक राशि का 19,872.89 करोड़ रुपये का आवंटन स्कूली शिक्षा के लिये किया है जबकि वर्ष 2016-17 में इसके लिये 18,094.04 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। शिक्षा के अलावा बजट में उर्जा क्षेत्र में 16,801.62 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास हेतु 14,387.50 करोड़ रुपये, शहरी विकास के लिये 11,489.03 करोड़ रुपये और लोक निर्माण विभाग हेतु 8576.17 करोड़ रुपये का आवंटन करने का प्रस्ताव है। संपत्ति के पंजीयन में दुरुपयोग और धोखाधड़ी की रोकथाम के लिये प्रदेश सरकार ने ई-पंजीयन हेतु आधार नंबर अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों गंगासागर, कामाख्या देवी, गिरनार जी, पटना साहिब तथा मध्य प्रदेश के तीर्थ स्थानों उज्जैन, मैहर, श्रीराम राजा मंदिर, ओरछा, चित्रकूट, ओंकारेश्वर तथा महेश्वर को भी जोड़ा जायेगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा हेतु अनुदान राशि अधिकतम 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश का वर्तमान सांस्कृतिक स्वरूप आदिगुरु शंकराचार्य की देन है। उनके सम्मान में ओंकारेश्वर में वेदान्त पीठ की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। इस हेतु 10 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। देश के असंख्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग व बलिदान को स्मरण करने के लिये भोपाल में वीर भारत न्यास की स्थापना हेतु 9 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही बजट में नर्मदा नदी के किनारे पौधारोपण और कृषि वानिकी के लिये कुल 102 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मलैया ने बताया कि शासन द्वारा प्रदेश में वर्ष 2011 से कोई भी नवीन मदिरा दुकान नहीं खोली गयी है। नर्मदा नदी की पवित्रता बनाये रखने के लिये नर्मदा नदी के पांच किलोमीटर की सीमा में आने वाली 66 मदिरा की दुकानें एक अप्रैल 2017 से बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्यमार्ग पर स्थापित 1427 मदिरा दुकानों को मार्ग से 500 मीटर की दूरी पर स्थापित किया जायेगा। नशा मुक्ति के लिये सेमिनार आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य डाटा सेंटर के विस्तार के लिये 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना आगामी वित्तीय वर्ष से प्रारंभ की जायेगी और इसके लिये 1,000 करोड़ रुपये की राशि का पृथक कोष स्थापित किया जायेगा। इस कोष हेतु 500 करोड़ का प्रावधान इस बजट में रखा गया है। इस योजना के तहत 12वीं की परीक्षा में न्यूनतम 85 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र पात्र होंगे।
सरकार बेशकीमती संपत्ति से जुटाएगी संसाधन
सरकार की संसाधन जुटाने के लिए बेशकीमती सरकारी संपत्तियों पर नजर है। बुधवार को विधानसभा में पेश किए गए बजट में कहा गया है कि शासकीय संस्थाओं के आधिपत्य में स्थित बहुमूल्य अप्रयुक्त या अल्प प्रयुक्त भूमि का चिह्नांकन किया जाएगा। वित्तमंत्री जयंत मलैया ने बजट पेश करते हुए कहा, चिह्नांकित भूमि का बेहतर उपयोग राज्य के संसाधनों को बढ़ाकर विकास लक्ष्य पूरा करने में किया जाएगा। इन भूमियों का अधिपत्य वर्तमान में जिन शासकीय संस्थाओं के पास है, उनके लिए अन्यत्र भूमि तथा भवन की व्यवस्था की जाएगी। ऐसी भूमियों का अधिक दक्ष इस्तेमाल करने के लिए भूमि उपयोग से नवीन वित्तीय संसाधन उपलब्ध होंगे। वित्तमंत्री ने बताया कि शासकीय संस्थाओं की संपत्ति के उपयोग के निर्णय के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी।
मेधावी छात्रों की फीस भरेगी सरकार
मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बजट में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत 12वीं की परीक्षा में न्यूनतम 85 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में दाखिला लेने वाले छात्रों की फीस राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी।
इतना ही नहीं, 12वीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले छात्रों को अगर राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्थाओं में प्रवेश मिलता है, तो उन्हें शिक्षण शुल्क के बराबर राशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दी जाएगी। इसके लिए बतौर वित्तीय सहायता एक हजार करोड़ रुपये की राशि का अलग से कोष बनाया जाएगा, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने बताया, कि मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 12वीं की परीक्षा में न्यूनतम 85 प्रतिशत अंक पाकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्थाओं व राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्थाओं में प्रवेश लेने पर शिक्षण शुल्क की पूरी राशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, अन्य शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश लेने पर सहायता राशि एक लाख रुपये वार्षिक होगी। इसी तरह निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में फीस नियामक आयोग द्वारा तय की गई शिक्षण शुल्क के भुगतान के लिए छात्रों को राज्य सरकार के समक्ष एक बॉन्ड भरकर देना होगा कि वे एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात तीन वर्ष के लिए अपनी सेवाएं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में देंगे।
सभी विधवाओं को मिलेगी पेंशन
बजट में समाज के सभी वर्गो की विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली पेंशन की राशि 150 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये की गई है। समाज में विधवाओं की आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति को देखते हुए पेंशन देने का निर्णय लिया गया हैं। इसका लाभ सेवारत अथवा पेंशन पाने वाली विधवाओं को नहीं मिलेगा। इसके लिए बजट में 1,501 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बजट ऐतिहासिक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्तमंत्री जयंत मलैया द्वारा बुधवार को विधानसभा में पेश किए गए वर्ष 2017-18 के बजट को ऐतिहासिक करार दिया। विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से चौहान ने कहा, राज्य को विकसित राज्यों की पंक्ति में खड़ा करने वाला बजट है। यह अवसंरचना विकास का बजट है। सडक़ें हों या सिंचाई की बात, इस बजट में सभी को समाहित किया गया है। उन्होंने आगे कहा, सडक़, बिजली, पानी के अलावा सामाजिक क्षेत्र को इस बजट में प्राथमिकता दी गई है। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य पर जोर दिया गया है। चौहान ने आगे कहा, उनकी सरकार ने खेती को फायदे का धंधा बनाया है। आगामी पांच वर्षो में किसानों की आय दोगुना करने के लिए खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है। फसलों के भंडारण की क्षमता बढ़ाई जा रही है। चौहान ने आगे कहा, इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। मेधावी छात्रों की उच्च शिक्षा की फीस सरकार देगी, कर्मचारियों को सातवां वेतन मान दिया जाएगा, सभी वर्गो की विधवाओं को पेंशन मिलेगी, गरीबों के लिए दीनदयाल रसोई योजना शुरू होगी। उन्होंने इस बजट में किए गए प्रावधानों के आधार पर इसे ऐतिहासिक, अद्भुत और अभूतपूर्व बताते हुए वित्तमंत्री जयंत मलैया को बधाई दी।
बजट निराशाजनक
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने राज्य सरकार के बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा, कि जनविरोधी भाजपा सरकार के बजट से हमें पहले से ही उम्मीद नहीं थी। इस बजट में प्रदेश की मूलभूत समस्याओं से निपटने की कोई इच्छा शक्ति दिखाई नहीं देती। इस बजट ने गांव, गरीब, किसान और नौजवानों को निराश ही किया है।
विकास को नई ऊंचाइयां मिलेंगी
जनसंपर्क, जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि विधानसभा में प्रस्तुत वित्त वर्ष 2017-18 का बजट गरीबों और सभी वर्गों के लिए हितकारी है। उन्होंने कहा कि बजट राज्य को विकास की नई ऊँचाइयाँ देगा। मंत्री डॉ. मिश्र ने कहा कि बजट में अनेक अभिनव प्रावधान हैं। बजट में जहाँ मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का उल्लेख है जो 12वीं परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वालों को शिक्षण शुल्क प्रदान करेगी वहीं इससे कम अंक लाने वालों को भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्थाओं में ब्याज मुक्त ऋण के रूप में शिक्षण शुल्क प्रदान करेगी। मंत्री डॉ. मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा शुरू किये गये नमामि देवी नर्मदे -सेवा अभियान से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 100 करोड़ का बजट प्रावधान भी मायने रखता है। राज्य के शासकीय सेवकों को सातवां वेतनमान देने की मंजूरी भी महत्वपूर्ण है।
प्रदेश को नई राह पर ले जाने वाला बजट
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्य सरकार के बजट पर कहा, कि प्रदेश के सभी वर्गों के विकास का खासा ध्यान रखा है। मप्र सरकान ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के विकास की अवधारणा के अनुरूप बजट पेश किया है। जिसमें हर वर्ग गांव, गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी, कर्मचारी का खासा ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा, कि बजट में इस बार स्वच्छ भारत मिशन और गांवों के तरक्की के द्वार खोले गए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य पर खासा ध्यान रखा गया है।
सरकार का यह सरासनीय प्रयास है कि लोगों को महंगी जांच सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में दी जाएंगी। इसी तरह पिछड़े क्षेत्रों के छात्रावास खोलने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 36000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। खेलो का बजट 2003 की अपेक्षा 50 गुना बढ़ गया। पोषण आहार पर 2900 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। आगंबाड़ी केंद्र खुलेंगे। 1000 से ज्यादा आगनबाड़ी भवन बनेंगे। गाँवो मे सफाई पर 1750 करोड़ खर्च होंगे।10 हजार किमी सडक़ का उन्नयन होगा। इस पर 200 करोड़ खर्च होंगे। गांवो मे 6 लाख 33 हजार आवास बनेंगे।इसके लिए 3500 करोड़ का प्रावधान बजट मे है। 23 लाख परिवारों मे सौशलय बनेंगे। इससे निश्चित रूप से प्रदेश के गांव, गरीब और मजदूर का विकास होगा।मनरेगा से ग्रामीनो को रोजगार मिल रहा है। मैं मानता हूं कि गांवों में स्वच्छ भारत मिशन को सार्थक करने की दिशा में मप्र सरकार जो काम कर रही है, वह सराहनीय हैं। बजट में भी मप्र सरकार ने गांवों की तरक्की का खासा ध्यान रखा है। सिंचाई सुविधाओं के विकास पर 9850 करोड़ खर्च होंगे। रकबा 2.5 लाख बढऩे का लक्ष्य है। इससे गाँवो में खुशहाली आएगी। कर्मचारियों को सातवे वेतनमान देने की घोषणा भी सरकार ने कर दिया है। 1 जनवरी के 2017 को कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का नगद भुगतान किया जाएगा। यह मप्र की सरकार का सराहनीय कदम है। मप्र की जनता को विकासोन्मुखी और जनहितैषी बजट देने के लिए मैं मप्र की सरकार को बधाई देता हूं।
वित्तमंत्री का सायराना अंदाज़
अपने बजट भाषण की शुरूआत में श्री मलैया ने इन पंक्तियों को पढ़ा -
जब हौंसला बना लिया ऊंची उड़ान का,
फिर फिजूल है देखना, कद आसमान का
वहीं बीच में उन्होंने यह पंक्तियां पढ़ीं -
पंख ही काफी नहीं हैं आसमानों के लिए,
हौंसला हमसा चाहिए ऊंची उड़ानों के लिए।
रोक रखी थी नदी की धार तुमने ही कहीं,
लेके आए हम ही कुदाली उन मुहानों के लिए।
तो अंत में कहा-
सुबह का हर उजाला हमारे साथ हो,
हर दिन हर पल सबके लिये खास हो।
दिल से दुआ निकले बस यही कि,
इस जहां की सारी खुशियां प्रदेश की
जनता के पास हों।
स्मार्ट सिटी के लिए 7 सौ करोड़
स्मार्ट सिटी के पहले फेज के लिए 700 करोड़ रुपए का प्रावधान। मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उौन सहित कुछ अन्य बड़े शहरों में स्मार्ट सिटी के निर्माण की प्रक्रिया जारी है।
23 लाख शौचालय का लक्ष्य
एक हजार से अधिक आबादी वाली सभी बस्तियों के लिए नल जल योजना लागू करने का प्रावधान। निर्मल भारत मिशन के तहत 23 लाख शौचालय का लक्ष्य।
विपक्ष ने की टोकाटाकी, सत्तापक्ष ने थपथपाई मेजें
करीब एक घंटे से अधिक के अपने बजट भाषण में विपक्षी सदस्यों ने जहां कई बार टोकाटाकी की, वहीं सत्तापक्ष के सदस्यों ने बार-बार मेजें थपथपाकर बजट प्रस्तावों का स्वागत किया है। कुछ विपक्षी सदस्योंं ने प्रदेश में पूर्ण शराबंदी लागू करो के नारे भी लगाए।
प्रमुख प्रावधान
नर्मदा सेवा यात्रा के लिए 65 करोड़
निर्मल भारत मिशन में 23 लाख शौचालयों का लक्ष्य
फसल बीमा योजना के लिए 2 हजार करोड़
प्रदेश में सात नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे
ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों को विशेश भत्ता
कुपोषित बच्चों के लिए 6 नए पोषण केन्द्र
25 लघु सिंचाई परियोजना का भी प्रस्ताव
मेधावी छात्रों को मिलेगा अनुदान, 1 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान
नर्मदा किनारे 66 शराब दुकानें बंद होंगी
प्राथमिक शिक्षा के लिए 34 सौ करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री तीर्थ स्थल योजना के लिए नए स्थानों को जोड़ा गया
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 972 करोड़ रुपए


