ईवीएम में कथित गड़बड़ी का मामला भिंड कलेक्टर और एसपी को हटाया
भोपाल ! भिंड जिले की अटेर विधानसभा मे होने वाले उपचुनाव के लिए परीक्षण के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी सामने आने का मामला गर्मा गया है।

सलीना ने दी सफाई
आरोपों को निराधार बताया
भोपाल ! भिंड जिले की अटेर विधानसभा मे होने वाले उपचुनाव के लिए परीक्षण के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी सामने आने का मामला गर्मा गया है।
इस मामले में चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए भिंड कलेक्टर और एसपी सहित एक दर्जन से अधिक अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों के बाद कलेक्टर टी.इलैया राजा और एसपी अनिल सिंह सहित अन्य अधिकारियों को हटा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कल परीक्षण के दौरान ईवीएम में से कमल की पर्ची निकलने के बाद विवाद पैदा हो गया है। बताया जाता है, कि चुनाव आयोग ने इस बारे में दोनों पदों के लिए पैनल मांगा गया है।
3 अधिकारियों को किया तैनात
ईवीएम मशीन को लेकर उठे विवाद के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने तीन सदस्यीय एक कमेटी गठित उसकी निगरानी में दोनों स्थानों पर चुनाव कराने का निर्णय लिया है। आयोग के सूत्रों के अनुसार आन्ध्र प्रदेश के सीईओ 1983 बैच के मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी भंवरलाल तथा निर्वाचन आयोग के दो वरिष्ठ स्तर के अधिकारी वरेन्द्र कमुार एवं आर के श्रीवास्तव को इन दोनों स्थान पर विशेष रूप से निगरानी के लिए नियुक्त कर दिया हैं।
इधर आज भोपाल में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात को निराधार बताया। उन्होंने कहा, कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष होंगे। निर्वाचन कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सलीना सिंह ने इस बात को भी खारिज किया कि भिण्ड में ईवीएम परीक्षण के दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों को कथित रूप से धमकी दी थी। उन्होंने बताया कि ईवीएम में वीवी पैड का पहली बार उपयोग किया जा रहा है जिससे मतदाताओं को यह जानकारी मिल सकेगी कि उन्होंने किसको मत दिया है। इसका उपयोग प्रदेश में पहली बार अटेर से किया जा रहा है। इसके लिए काफी प्रशिक्षण की जरूरी है। इसी कारण वे चुनावी तैयारियों का जायजा लेने भिण्ड गई हुई थीं। सलीना सिंह के अनुसार कलेक्टर ने इस दौरान काफी अच्छा प्रस्तुतिकरण दिया। इसी समय कुछ मीडिया कर्मियों ने यह अनुरोध किया, कि उन्हें ईवीएम के जरिए नए प्रयोग की जानकारी दी जाए। इसके लिए एक ईवीएम मशीन को उठाकर उसकी वटन दबाई गई जिसमें एक बार भाजपा और एक बार कांगे्रस की पर्ची निकली। जिस पर मीडिया कर्मियों का कहना था, कि पहले भाजपा की ही पर्ची क्यों निकली? जिस पर उन्होंने मजाकिया लहजे में इस प्रक्रिया और इसके तहत प्रावधानों की जानकारी दी। मैंने किसी मीडिया कर्मी को नहीं धमकाया था, लेकिन मैं इस घटना के बाद बेहद सतर्क हूँ। हमने पूरे मामले की जानकारी निर्वाचन आयोग को भी दे दी है।


