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एसबीआई में नौकरी लगाने वाले रैकेट का पर्दाफाश,सवा करोड़ की ठगी के 3 आरोपी गिरफ्तार

भिलाईनगर ! पुलिस अधीक्षक द्वारा धोखाधड़ी एवं चिटफंड कंपनी के विरूद्ध लगातार कार्रवाई की जारी है, इसी क्रम में सायबर क्राईम जिला पुलिस को बडी सफलता हाथ मिली है।

एसबीआई में नौकरी लगाने वाले रैकेट का पर्दाफाश,सवा करोड़ की ठगी के 3 आरोपी गिरफ्तार
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भिलाईनगर ! पुलिस अधीक्षक द्वारा धोखाधड़ी एवं चिटफंड कंपनी के विरूद्ध लगातार कार्रवाई की जारी है, इसी क्रम में सायबर क्राईम जिला पुलिस को बडी सफलता हाथ मिली है। पुलिस को दिल्ली में नौकरी लगााने के नाम पर चलाये जा रहे रैकेट का पर्दाफाश करने मे कामयाबी हासिल हुई है, मामला थाना सुपेला का है। प्रार्थी द्वारा थाने मे आकर शिकायत दर्ज कराया गया कि जून 2015 मे इंटरनेट एवं मैसेज के माध्यम से इरशाद खान नामक व्यक्ति से सम्पर्क हुआ जिसके द्वारा दिल्ली के भारतीय स्टेट बैक के शाखाओ मे मंत्री एव अन्य कोटे के कर्मचारियो की सीधी भर्ती की बात बताई गई जिसमे जूनियर लेवल क्लर्क का पोस्ट था। प्रार्थी द्वारा अपनी बहन गीता प्रसाद एवं अपने दोस्तो शशीकांत व मनोज वर्मा को यह बात बताई । जो की प्रार्थी एवं अन्य को इरशाद खान नेे दिल्ली में बुलाकर बताया कि एसबीआई दिल्ली के विभिन्न शाखाओ मे क्लर्क पोस्ट के लिए 100 लोगो की जरूरत है। अगर अपने साथ कुछ लोगो को उनके पास भेजते हैं तो कमीशन देने की बात कही। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति से 4 लाख रूपये की मांग की गई, जिसमें 75 हजार रूपयें कमीशन देने की बात कही गई। इसके तहत 44 लोगो का बैेच तैयार किया गया एवं इनकी सारी जानकारी इंटरनेट वेबसाईट पर मंगाई गई और इन सबको एक-एक रोल नंबर एवं रजिस्ट्रेशन नंबर वेब साईट में प्रदर्शित की गई और इसे ओरिजनल वेब साईट बताया गया एवं ज्वाइनिंग से पहले उनकी जानकारी आ जाएगी ऐसा बताया। प्रार्थी एवं अन्य द्वारा आरोपियों से मिलकर प्रत्यक्ष रूप से एवं उनके खातो में पैसे डाले गये। प्रारंभ में कमीशन रकम भी प्रार्थी को दिया गया। इसके बाद सभी को कैंडिडेट को साक्षात्कार के लिए दिल्ली बुलाया गया। 5 अक्टूबर 2015 को इरशाद खान एवं चंदन कुमार द्वारा सभी को प्रभात रंजन (बदला नाम) नामक व्यक्ति से मिलाकर उसे बैंक का मैनेजर बताते हुए उसका असिस्टेंट आदित्य श्रीवास्तव (बदला नाम) को बताया गया। सभी ने मिलकर बारी-बारी से बैंक में लोगो का साक्षात्कार कराया एवं कुछ दिनो बाद जनवरी 2016 से अप्रैल 2016 के बीच सभी लोगो को बारी-बारी से बुलाकर ज्वाइनिंग किट प्रदाय किया गया। तीन महिने की ट्रेनिंग कराई। यह ट्रेनिंग दिल्ली के करोलबाग एवं बाराटूटी चौक स्थित ब्रांच में कराई। ट्रेनिंग अमित एवं निखिल नामक व्यक्तियों द्वारा दी जाती थी, जो एसबीआई करोलबाग क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट में केलीवेन्चर कंपनी के अधिकारी थे । ट्रेनिंग के पश्चात आरोपीगण द्वारा आगे नौकरी दिलाने की बात कहकर बहाना बनाकर घुमाते रहे एवं सभी ने अपना मोबाईल कनेक्टीविटी बंद कर दिया एवं प्रार्थी एवं अन्य को बताया गया की सभी का ट्रांसफर अन्यत्र हो गया है। इस तरह से प्रार्थी एवं अन्य को नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ 20 लाख 90 हजार रूपये की ठगी की गई। मामला सायबर क्राईम जिला दुर्ग के पास पहुंचते ही सायबर क्राईम की टीम हरकत में आई एवं मामले में तकनीकी जानकारी एकत्र कर पुलिस अधीक्षक के आदेश से क्राईम ब्रांच सायबर सेल की टीम दिल्ली रवाना हुई। दिल्ली में टीम द्वारा 20 दिवस तक रहकर बारिकी से आरोपियो के बैंक एकाउण्ट्स, मोबाईल नम्बर तथा अन्य के संदर्भ में जानकारी एकत्र की गई एवं आरोपियों का पता-तलाश कर पकड़ा गया। इस घटना का मास्टर माइन्ड प्रभात रंजन निवासी गोविंदपुरी कालकाजी दिल्ली (बदला हुआ नाम) वास्तविक नाम राहुल श्रीवास्तव 21 साल ने बताया कि उसका वास्तविक नाम राहुल श्रीवास्तव हैं। उसने एवं अंकित चौहान साकिन राम नगर अलीगढ उत्तरप्रदेश बदला हुआ नाम आदित्य श्रीवास्तव, अमित कुमार पाण्डेय, निखिल, संदीप सिडहाना, चंदन, इरशाद खान एवं अन्य ने मिलकर घटना को अंजाम दिया। राहुल श्रीवास्तव ने घटना को अंजाम देने के लिए स्वयं का नाम प्रभात रंजन रखा एवं अपने सहायक अंकित चौहान का नाम बदलकर आदित्य श्रीवास्तव रखा एवं इस नाम से लोगो से मिलने लगे। ट्रेनिंग देने के लिए निखिल एवं अमित जो क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट में कार्यरत् थे, को लालच देकर ट्रेनिंग देने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके लिए उनको पैसे दिये जाते थे। छत्तीसगढ़ राज्य से लोगो को लाने का काम लखन लाल साहू एवं अन्य को लगाया गया एवं इसके बदले उनको कमीशन दिया गया। फर्जी आईडी बनाने के लिए संदीप सिडहाना को लगाया गया जो की इस कार्य में निपूर्ण था।
फर्जी निर्वाचन आयोग का कार्ड एवं आधार कार्ड बनाकर प्रभात रंजन को दिये। इस घटना में छ.ग. के अलावा उत्तरप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश एवं दिल्ली की जनता भी ठगी का शिकार हुई है। प्रकरण का मास्टर माइन्ड प्रभात रंजन उर्फ राहुल श्रीवास्तव जिसकी शिक्षा मात्र 7वी कक्षा तक की हैं। तकनीकी रूप से शातिर एवं चालाक किस्म का हैं। पूर्व में भी ठगी के मामले में जुवेनाईल जस्टिस एक्ट के तहत पैसे लेन देन के मामले में दिल्ली ओखला पुलिस थाने से तिहाड जेल में सजा काट चूका हैं। संदीप सिडहाना जो की घटना दिनांक से अभी तक फरार हैं फर्जी आधार कार्ड एवं वोटर आई डी कार्ड बनाने में शातिर एवं चालाक हैं। थाना सुपेला में धारा 420, 34 सुपेला थाना में कार्यवाही की जा रही है।
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