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नंदिनी खदान में सीबीआई का छापा

भिलाईनगर ! भिलाई इस्पात संयंत्र के नंदिनी खदान में बुधवार की सुबह सीबीआई व विजलेंस की टीम ने संयुक्त दबिश दी।

नंदिनी खदान में सीबीआई का छापा
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भिलाईनगर ! भिलाई इस्पात संयंत्र के नंदिनी खदान में बुधवार की सुबह सीबीआई व विजलेंस की टीम ने संयुक्त दबिश दी। यह कार्रवाई लिखित शिकायत के बाद की गई है। सीबीआई को शिकायतकर्ताओं से मिले दस्तावेजों से माइंस के दस्तावेजों का मिलान करने के साथ-साथ स्टॉक की स्थिति का जायजा ले रही है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक टीम पहुंचकर जानकारी एकत्र कर रही है। शिकायतकर्ता ने बताया था कि लाइम स्टोन के स्टॉक के मसले पर हकीकत व दस्तावेज के बीच बड़ा फासला है। मामला दो वर्ष पुराना बताया जा रहा है। नंदिनी माइंस में लाइन स्टोल का खनन किया जाता है। इसके बाद रेल के माध्यम से भिलाई इस्पात संयंत्र में भेजा जाता है। खदान में उत्पादन को लेकर दस्तावेज व हकीकत में अंतर होने की शिकायत मिलने के बाद नवंबर 14 में बीएसपी प्रबंधन ने नंदिनी माइंस में मौजूद लाइम स्टोन के स्टॉक व दस्तावेज में दर्ज स्टॉक का मिलान किया था।
शिकायत में बताया गया है कि करीब 27 हजार टन लाइम स्टोन उस समय स्टोर में मौजूद होने की बात कही गई थी। जिसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपए हैं। नंदिनी प्रबंधन हर माह बीएसपी को 15 रेक लाइम स्टोन भेजता है। इस वजह से अक्सर स्टॉक के स्थान पर झाड़ू लगने जैसे हालात होते हैं। जब भी नए या पुराने क्रेशर प्लांट में खराबी आती है, तब भी स्टॉक खाली ही हो जाता है। शिकायत में बीएसपी के तात्कालीन सीईओ को भी पत्र लिखा था कि वर्ष 2014-15 के भौतिक सत्यापन रिपोर्ट में लाइम स्टोन के स्टॉक में 11 हजार 59 टन बताया गया है, लेकिन संबंधित अधिकारी ने खदान के रिपोर्ट में यह आंकड़ा करीब 24 हजार टन बताया है। उत्पादन कम कर अगर ज्यादा बता देते हैं, तो इससे प्रबंधन को राज्य सरकार को अधिक रायल्टी का भुगतान करना पड़ता है। इस तरह से प्रबंधन को आर्थिक नुकसान होता है। इस तरह की गलत जानकारी अगर कोई अफ सर दे रहा है, यह साबित होता है तो उससे रिकवरी की स्थिति बन जाती है।


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