Top
Begin typing your search above and press return to search.

गले की सर्जरी से दूर हुआ पेट दर्द

भिलाई ! छत्तीसगढ़ में एक उम्रदराज महिला मरीज की गले की सर्जरी कर डॉक्टरों ने उसके पेट का दर्द ठीक कर दिया।

गले की सर्जरी से दूर हुआ पेट दर्द
X

भिलाई ! छत्तीसगढ़ में एक उम्रदराज महिला मरीज की गले की सर्जरी कर डॉक्टरों ने उसके पेट का दर्द ठीक कर दिया। भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय के डॉक्टरों ने पकड़ में न आ रही बीमारी का पता लगाया और उस बीमार का इलाज कर मरीज तक आराम पहुंचाया। पैराथायरॉयड एडिनोमा नामक बीमारी से पीड़ित मरीज देवी बाई ने खास बातचीत में बताया कि दो वर्षों से पेट के दर्द से हलाकान थी, कई निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद उन्हें भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल की जानकारी मिली।

उन्होंने बताया कि वह कभी सोच भी नहीं सकती थीं कि उनके पेट के दर्द का संबंध गर्दन की बीमारी से हो सकता है। उन्होंने कहा कि गर्दन की सर्जरी कर, मेरे पेट दर्द को ठीक कर दिया गया, यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।

अपनी ख्याति के अनुरूप बीएसपी के डाक्टरों ने मरीज के दुर्लभतम बीमारी पैराथायरॉयड एडिनोमा को पकड़ने में जहां सफलता पाई है, वहीं इसकी सफलतम सर्जरी भी की। इस प्रकार का यह पहला ऑपरेशन है, जिसे बीएसपी अस्पताल के सर्जरी विभाग के कुशल व विशेषज्ञ सर्जनों ने बखूबी अंजाम दिया।

इस ऑपरेशन को संयंत्र चिकित्सालय के विशेषज्ञ सर्जन व संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. जोगेश चंद्र मढुआल एवं डॉ. सुमंत मिश्रा तथा विभाग के एडीएमओ डॉ. मनीष देवांगन की टीम ने सफलतापूर्वक पूर्ण किया।

इस ऑपरेशन में मुख्य भूमिका निभाने वाले विशेषज्ञ सर्जन व संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. जोगेश चंद्र मढुआल ने बताया कि बालोद जिले की देवी बाई अपने पेट दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए लोगों की सलाह पर बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल के शल्यक्रिया विभाग में भर्ती हुईं। पेटदर्द शुरू होने का शुरुआती कारण अग्नाशय में सूजन का होना पाया गया। इसके अलावा उसके पित्त की थैली एवं किडनी में पथरी पाई गई।

सूजन का कारण जानने के लिए जांच-पड़ताल करने पर डाक्टरों की टीम ने पाया कि उसके गले के पास एक गठान है, जिसे पैराथायरॉयड एडिनोमा कहा जाता है। इस गठान को शल्यक्रिया द्वारा निकाला गया। अब यह मरीज पूरी तरह स्वस्थ है।

इस ऑपरेशन टीम के एक और महत्वपूर्ण सर्जन डॉ. सुमंत मिश्रा ने इस बीमारी की जटिलता के संबंध में बताया कि यह बीमारी अत्यंत ही दुर्लभतम श्रेणी में गिनी जाती है। यह लाखों में किसी एक मरीज को होता है। आमतौर पर यह बीमारी आसानी से पकड़ में नहीं आती एवं इसे पकड़ने के लिए उन्नत जांच विधि जैसे रेडियो न्यूक्लियोटाइड स्कैन बेहद जरूरी है। इसका इलाज सिर्फ सर्जरी है। सर्जरी के बाद मरीज स्वस्थ हो जाता है।

ऑपरेशन टीम के युवा सर्जन डॉ. मनीष देवांगन बीएसपी अस्पताल की खासियत का जिक्र करते हुए कहा कि यह बीमारी सेक्टर.9 अस्पताल में इसलिए पकड़ में आई, क्योंकि यहां पर विशेष जांच-पड़ताल की सारी सुविधाएं एक ही जगह मौजूद हंै।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it