भाकियू ने राज्य के 36 अलग -अलग स्थानों पर जाम लगाये
भारतीय किसान यूनियन(एकता-उगराहा)ने पंजाब तथा केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आज से दोपहर दो घंटे का रोड जाम शुरू कर दिया जिससे लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा

चंडीगढ। भारतीय किसान यूनियन(एकता-उगराहा)ने पंजाब तथा केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आज से दोपहर दो घंटे का रोड जाम शुरू कर दिया जिससे लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा ।
सात किसान संगठन मिलकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । भाकियू के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी ने आज यहां बताया कि राज्य में 36 अलग -अलग स्थानों पर जाम लगाये गये और इनमें 26 राजमार्गों पर जाम लगाया गया जिससे लोगों को मुश्किल हुई । लोगों को परेशान करने का उनका कोई मकसद नहीं है ।
सरकार को भी उन्होंने कई दिन पहले चेतावनी दी थी लेकिन सरकार किसानों की समस्या जानने तथा हल करने के प्रति गंभीर नहीं है ।
उन्होंने कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन का मकसद सरकार को जगाना है ।रोड जाम सात दिन तक चलेगा ।
अमरिंदर सरकार भूमिहीन किसानों तथा खेत मजदूरों के कर्जे माफ करने की ओर तो ध्यान ही नहीं दे रही ।
इसीलिये आत्महत्या करने वालों में इनकी संख्या ज्यादा हैं ।
उन्होंने ट्यूबवैल मोटरों पर मीटर लगाये जाने के फैसले की निंदा करते हुये कहा कि किसानों के पास एकमात्र यही सबसिडी बची थी जिसे सरकार छीनने पर तुली हैं । यह सब कारपोरेट घरानों को बिजली सप्लाई का सिस्टम बेचने के लिये किया जा रहा है ।
भाकियू ने केन्द्रीय बजट को भी किसान विरोधी बताते हुुये इसे चुनावी जुमला करार दिया ।मोदी सरकार इस बजट को किसान तथा गरीब समर्थक बता रही है लेकिन यह बात सही नहीं है । इससे किसान को कोई लाभ नहीं होने वाला ।
सत्ता में आने से पहले स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने का वादा करने वाली मोदी सरकार अपने वादे को लागू नहीं कर सकी ।


