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आठ लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया आत्म समर्पण

जगदलपुर ! जीरमघाटी मुकंदपाल कुरचोली और भद्रकाली की नक्सली घटनाओं में शामिल 8 लाख की इनामी पीजीएलए मिलट्री कंपनी

आठ लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया आत्म समर्पण
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जगदलपुर ! जीरमघाटी मुकंदपाल कुरचोली और भद्रकाली की नक्सली घटनाओं में शामिल 8 लाख की इनामी पीजीएलए मिलट्री कंपनी नंबर-2 की सदस्य बुदरी उर्फ गीता ओयाम ने स्थानीय नये बसस्टैण्ट के पास स्थित सीआरपीएफ 80 बटालियन कैम्प में कमाण्डेंट आरडीजेनी अनल के समक्ष आत्म समपर्ण किया। इस अवसर पर आदिमजाति विकास के सहयाक संचालक के हाथों छग सरकार के आत्मसमपर्ण नीति के तहत 10 हजार रूपये का चेक प्रदान किया गया। वहीं कमाण्डेंट द्वारा 10 हजार रूपये और घरेलु सामान कंबल, मच्छरदानी, साड़ी, गमछा, बरतन एवं अन्य सामान भेट के रूप में प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान सीएसपी मोनिका ठाकुर के साथ उप कमाण्डेंट सीआरपीएफ पीके चौधरी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर कमाण्डेंंट श्री अनल ने बताया कि बस्तर संभाग के दूरवर्ती गांव में रहने वाले ग्रामीणों की मानसिकता अब बदल चुकी है वे भी समाज की मुख्यधारा से जुडक़र देश की कल्याण एवं विकास में अपनी भागीदारी निभाना चाहते है। पुलिस व सीआरपीएफ के द्वारा ग्रामीणों को नि:शुल्क चिकित्सा एवं आवश्यकता की वस्तुओं का वितरण सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत किया जाता है। जिसके चलते अच्छे परिणाम सामने आ रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले फोर्स से इन्हें डर लगता था किन्तु अब उन्हें डर नहीं लगता। उन्होंने आत्मसमपर्ण करने वाली महिला नक्सली के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वह छग सरकार के आत्मसमपर्ण और पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर तथा माओवादी विचारधारा से त्रस्त होकर माओवादियों के शोषण, अत्याचार, भेदभाव एवं हिंसा से तंग आकर समाज की मुख्यधारा से जुडऩे के लिए आत्मसमपर्ण करने की बात कही। उस पर 8 लाख रूपये का इनाम शासन द्वारा रखा गया है।
आत्म समपर्ण करने वाली महिला नक्सली बुदरी ओयाम ने बताया कि जब वह नक्सलियों के साथ गई थी तब उसे माओवादियों के दिनचर्या के विषय में सही जानकारी नहीं थी। वह ऐसा सोचती थी कि इनका भी अपना घर होता होगा किन्तु उनके दल में शामिल होने के बाद पता चला की इन लोगों का कोई घर द्वार नहीं होता है। जंगल जंगल भटकते रहते है। इस तरह की जिन्दगी से परेशान होकर आत्म समपर्ण करने का निर्णय लिया। उसने स्वयं बताया कि वह अगस्त 2011 में बीजापुर जिले के भद्रकाली मुठभेड़ में शामिल थी। डीवीसी मदेड़ नागेश के कहने पर स्काउट व कटआफ पार्टी में बैठाया गया था। इस घटना में छग सशस्त्र बल के 9 व जिला बल के 3 जवान घटना स्थल पर ही शहीद हो गये थे साथ ही 2 इन्सास, 1 एलएमजी व 2 एसएलआर रायफल के साथ कुल 6 हथियार भी नक्सलियों ने लूटा था। बीजापुर जिले की ही कुरचोली मुठभेड़ में भी शामिल थी। जिसमें 2 वर्दीधारी नक्सलियों का शव मिला था। जिनकी शिनाक्त किसमत पुनेम गांव कुभांड़ी व रवि आंध्रप्रदेश का था। मुठभेड़ के बाद काफी संख्या में हथियार गोला बारूद व नक्सली साहित्य भी पुलिस ने बरामद किया था। जीरम घाट की घटना में भी बुदरी शामिल थी। उसने बताया कि गणेश उईके ने जीरम घाटी को अंजाम दिया था। एम्बुश लगाने के लिए प्लाटुन नबंर 3 मांगा था जिसमें वह शामिल थी। इस प्लाटुन का कमाण्डर बुदरू था। अन्य डिविजन के भी नक्सली 50-60 क ी संख्या में शामिल थे। इसी तरह बीजापुर जिले के ही नुकनपाल के मुठभेड़ में भी शामिल होना बताया जिसमें सीआरपीएफ के 4 जवान शहीद हो गये थे और 1 नक्सली हितेश साकीम पीडिया भी मारा गया था।


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